उज्जैन। त्रिनेत्रधारी भगवान श्री महाकालेशवर के दरबार में तीन नए आकर्षण आने वाले श्रद्धालुओं को अब आकर्षित करने वाले हैं। तीनों आकर्षणों का सोमवार को दीपावली के अवसर पर महाकाल लोक परिसर रुद्र सागर में वाटर स्क्रीन प्रोटेक्शन तथा फाउंटेन शो , श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री अन्न लड्डू प्रसादम एवं श्री महाकालेश्वर बैंड का शुभारंभ किया गया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा 18 करोड़ 7 लाख रुपए से स्थापित लेजर एंड साउंड शो में भगवान श्री महाकालेश्वर, मोक्षदायनी शिप्रा नदी तथा अवंतिका नगरी की कीर्ति गाथा को प्रदर्शित किया गया है। लगभग 25 मिनट की अवधि का लाइट एंड साउंड शो अद्भुत रूप से देखते ही बनता है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने यह लोकार्पण किया। इस अवसर पर महाकाल लोक परिसर में उन्होंने दीपदान किया । मंदिर में दर्शन किए । पूजा अर्चना की । नागरिकों के कल्याण तथा प्रदेश की सूख समृद्धि की प्रार्थना की ।
बेसन के साथ अब श्री अन्न प्रसादम-
अब भगवान श्री महाकालेश्वर जी के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप रागी, गुड़ एवं देसी घी से निर्मित ‘श्री अन्न लड्डू प्रसाद’ प्राप्त होगा। यह प्रसाद श्रद्धालुओं को श्री महाकाल महालोक स्थित सप्तऋषि मंडल के समीप तथा प्रशासनिक कार्यालय (गेट क्रमांक-01) पर स्थापित प्रसाद काउंटरों से उपलब्ध रहेगा।यह 100 ग्राम, 200 ग्राम एवं 500 ग्राम की पैकिंग में क्रमशः रु.50, ₹100 एवं ₹200 में उपलब्ध रहेगा। रागी, गुड़ एवं देसी घी से निर्मित यह मिलेट्स आधारित लड्डू प्रसाद न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक एवं रोग प्रतिरोधक भी है। रागी के गुड़ व शकर से बने लड्डू अलग-अलग 400 रुपए किलो मिलेंगे। श्री महाकालेश्वर अन्न क्षेत्र की दूसरी मंजिल पर रागी लड्डू यूनिट में यह प्रसाद तैयार किया जा रहा है। बेसन के लड्डू प्रसादी की ख्याति को देखते हुए मंदिर समिति ने नया प्रसाद तैयार किया है जो रागी के आटे से गुड़ और शकर में अलग-अलग बनेगा। इसे बनाने में देसी घी और ड्रायफ्रूट्स का इस्तेमाल होगा। यह प्रसाद स्वाद के साथ-साथ सेहदमंद भी होगा। मंदिर के लड्डू विक्रय काउंटरों से यह 400 रुपए किलो के भाव में बेचा जाएगा। रागी का चलन राजस्थान में अधिक है और इसके लड्डू राजस्थान का व्यंजन है। मंदिर समिति ने वहीं से दो हलवाई बुलाकर लड्डू तैयार कराए हैं। राजस्थान से आए हलवाईयों के सहयोग के लिए स्थानीय लड्डू युनिट के कर्मचारी भी लगाए गए हैं। जो राजस्थान से आए हलवाईयों से रेसीपी सीखेंगे और बाद में यूनिट चलाएंगे।
‘श्री महाकालेश्वर बैंड’ –
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की आरतियों, सवारियों तथा मंदिर में आयोजित पारंपरिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में अब श्री महाकालेश्वर मंदिर का अपना बैंड प्रस्तुति देगा। श्री गोविंद गंधर्व के नेतृत्व में गठित 21 कलाकारों का यह दल पारंपरिक वाद्य संगीत की मधुर ध्वनियों के साथ भक्तिमय वातावरण निर्मित करेगा। लोकार्पण अवसर पर बैंड द्वारा प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दीपावली से श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के खूद के वाद्ययंत्रों पर बैंड का शुभारंभ हो गया। बैंड आरती के पहले भजनों एवं मंत्रों की धून बजाकर श्रद्धालुओं को मोहित करेगा। बैंड किस आरती में बजेगा इसे लेकर अभी तय नहीं है। मंदिर में सुबह 4 बजे भस्मार्ती से लेकर रात 10.30 शयन आरती तक कुल5 आरती होती हैं। इसके चलते आरती तय नहीं है। मंदिर समिति ने दानदाताओं की मदद से वाद्ययंत्रों के साथ बैंड कर्मियों को निर्धारित ड्रोस कोड भी बनवाया है। मंदिर में पूर्व से ही प्रति दिन शाम 7 बजे की आरती में स्टेट काल से ही शहनाई और नगाडा वादन की परंपरा का निर्वहन होता है।
प्रतिदिन होगा लाईट एवं साउंड शो-
रुद्रसागर महाकाल लोक परिसर में स्थापित 100 मीटर लंबे वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन एवं फाउंटेन शो का लोकार्पण किया गया। यह शो मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम एवं उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संयुक्त सहयोग से तैयार किया गया है। वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन में भगवान श्री महाकालेश्वर जी के प्राकट्य, भस्म आरती की दिव्यता, उज्जैन के गौरवशाली इतिहास एवं सनातन धर्म से संबंधित विषयों पर आधारित आकर्षक लाइट एंड साउंड शो प्रतिदिन प्रदर्शित किया जाएगा।
