ठंड का असर गहराया,तापमान नीचे आया,सुरज का असर कमजोर नजर आया न्यूनतम पारा 9.5 पर आया,पिछले 5 सालों में सबसे कम तापमान दर्ज -नवंबर में अंतिम बार वर्ष 2022 में 10 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया था न्यूनतम तापमान

उज्जैन। उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं ने शहर को अपने आगोश में ले लिया है। इसके चलते न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री पर आ गया है। मंगलवार रात को ठंडी हवाओं का जोर रहा है। कपकपाने वाली हवा से सुबह तापमान एक दिन पूर्व की अपेक्षा करीब डेढ डिग्री गिरा हुआ दर्ज किया गया। इसकी अपेक्षा अधिकतम तापमान एक दिन पूर्व की अपेक्षा करीब डेढ डिग्री उपर चढा है। नवंबर में न्यूनतम तापमान पिछले 5 सालों में सबसे कम दर्ज किया गया है।

उत्तर के पहाडों से पूर्व की और चल रही हवाओं ने कपकपा कर रख दिया है। रात का कपकपाने वाली हवा रही तो सुबह भी सूरज की कमजोर रौशनी से दिन भी प्रभावित रहा है। पिछले दिनों की अपेक्षा बुधवार को दिन में भी आमजन उनी वस्त्रों एवं टोपी पहने दिखाई दिए हैं। दिन में भी हवाओं का असर रहा है।

नवंबर:पिछले 5 सालों में सबसे कम-

शहर में पिछले 5 वर्षों में इस बार नवंबर में न्यूनतम सबसे कम तापमान बुधवार को दर्ज किया गया है।शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधिकृत सूत्रों के अनुसार 26 नवंबर 2022 को इससे पूर्व 10.0 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया था। पहली बार नवंबर में पिछले 5 वर्षों का रेकार्ड टूट गया है और बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री दर्ज किया गया।

वर्ष                न्यूनतम तापमान

19-11-25            9.5

26-11-22           10.0

22-11-20             11.0

23-11-24             11.2

29-11-21              12.5

23-11-23              13.7

स्त्रोत-शासकीय जीवाजी वेधशाला,उज्जैन

 नवंबर: 5 वर्ष में अधिकतम तापमान की स्थिति

दिनांक                अधिकतम तापमान

27-11-23         21.5

21-11-20           23.5

30-11-24          25.4

30-11-21            25.5

21-11-22             27.3

स्त्रोत-शासकीय जीवाजी वेधशाला,उज्जैन

दिन में भी निकले उनी वस्त्र-

उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं का असर दिन में भी देखा गया है। सूरज की रौशनी से भी गर्मी का अहसास कमजोर ही रहा है। चूभने वाली गूनगूनी धूप में आमजनों ने आनंद लिया है। इस दौरान उनी वस्त्रों को धारण कर ही अधिकांश लोग हवाओं में निकले। दिन में भी आमजन सिर पर टोपी,मफलर पहने रहे। अपरांह् से ही एक बार फिर से शीत लहर का प्रभाव तेज होता देखा गया है।

 स्कूल देरी से लगे-

बुधवार को सुबह स्कूल देरी से ही लगे । छोटे बच्चों कक्षा नर्सरी से आठवीं तक के स्कूलों के लिए एक दिन पूर्व ही कलेक्टर के आदेश पर समय परिवर्तन किया गया था जिसके चलते स्कूल सुबह 9 बजे से 4 बजे के मध्य ही संचालित किए गए। आदेश को लेकर बडे बच्चों में गफलत फैलने से कुछ बच्चे देरी से पहुंचे थे । कुछ स्कूलों में आदेश नहीं पहुंचने से पहले दिन गलतफहमी की स्थिति भी देखने में आई है। छोटे बच्चे भी सुबह जल्दी ही स्कूल पहुंचे थे जहां से उन्हें घर वापसी करनी पडी और करीब 1 घंटे देरी से फिर स्कूल के लिए आना पडा।

ये था समय परिवर्तन आदेश-

शीतऋतु एवं तापमान में आई गिरावट को देखते हुए  प्रदेश के कई जिलों में छोटे बच्चों के स्कूल समय में परिवर्तन किया गया है। उज्जैन जिला में मंगलवार को यह आदेश जारी किया गया। जिला शिक्षाधिकारी आनंद शर्मा के अनुसार कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के आदेशानुसार उज्जैन जिला अंतर्गत संचालित शासकीय/अशासकीय/सी.बी.एस.ई./आईसीएसई / माध्यमिक शिक्षा मण्डल एवं समस्त बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों में जिले की कक्षा नर्सरी से कक्षा 8वीं तक के समस्त विद्यालयों हेतु समय में परिवर्तन करते हुए शाला संचालन का समय प्रातः 9.00 बजे के पूर्व एवं सायं 4.00 बजे के पश्चात् नहीं रखा जावेगा । अर्थात विद्यालय समय प्रातः 09.00 बजे से सायं 04.00 के मध्य ही होगा। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील होकर 31जनवरी 2026 तक लागू रहेगा।

 आयुक्त पहुंचे रैनबसेरा-

मंगलवार रात को ठंड की स्थिति देखते हुए नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने शहर के रैन बसेरा का निरीक्षण किया था। सडकों एवं फूटपाथ पर सोने वाले लोगों को इस दौरान आग्रह पूर्वक रैन बसेरा में जाकर सोने के लिए कहा गया।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment