जुटे प्रांत के 18 जिलों के किसान प्रतिनिधियों ने किया 3 घंटे मंथन सरकार से नाराज भाकिसं का एक ही नारा 26 बारह, घेरा डालो डेरा डालो -किसानों से छलावा पर जमकर आक्रोशित नजर आए किसान नेता

उज्जैन। सिंहस्थ लैंड पुलिंग योजना टीडीएस 8,9,10,11 के निरस्त आदेश को लेकर सरकार और भारतीय किसान संघ के बीच खाई गहरा गई है। सरकार से नाराज किसान संघ ने रविवार को प्रांत के 18 जिलों के प्रतिनिधियों की बैठक के बाद एक ही नारा 26 बारह दिया है। यानिकी 26 दिसंबर से उज्जैन के विक्रमादित्य प्रशासनिक भवन पर घेरा डालो डेरा डालो। बकौल प्रदेश अध्यक्ष कमलसिंह आंजना अब जब तक निरस्त का आदेश पत्र हाथ में नहीं तब तक कोई चर्चा नहीं।

सिंहस्थ लैंड पुलिंग टीडीएस 8,9,10,11 को लेकर किसानों का विरोध था। इसे लेकर आंदोलन किया जा रहा है। पिछले एक साल से अधिक समय से यह आंदोलन जारी है। इसी को लेकर पिछले माह 17 नवंबर को किसान संघ के प्रतिनिधियों के साथ सरकार ने वार्ता रखी थी। वार्ता के उपरांत दोनों पक्षों ने लैंड पुलिंग निरस्त के समझौते की घोषणा की थी। किसान संघ  ने दुसरे दिन धन्यवाद यात्रा निकाली और सरकार की और से जारी वक्तव्य में मुख्यमंत्री ने किसानों के सम्मान में योजना निरस्त की घोषणा की थी। इसके दो दिन बाद 19 नवंबर को निरस्त आदेश की बजाय सरकार की और से संशोधन जारी किया गया। इसे लेकर किसान संघ गुस्सा गया और सीधे तौर पर निरस्त आदेश जारी करने की मांग दो दिन में की। इस पर भी सरकार की और से कोई ध्यान नहीं दिया गया तो संघ की और से 7 दिन का समय देते हुए निरस्त आदेश जारी की मांग की गई थी। ऐसा न होने पर प्रदेश व्यापी आंदोलन की बात कही गई थी। 10 दिसंबर को 7 दिन पूर्ण होने के बावजूद भी सरकार टस से मस नहीं हुई । इस पर किसानों में बराबर आक्रोश की स्थिति बनी हुई थी। यह आक्रोश रविवार को आयोजित बैठक में साफ तौर पर सामने आया है।

ये है मसला-

सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों की 2378 हेक्टेयर यानिकी लगभग 12 हजार बीघा जमीन पर लैंड पुलिंग कानून के तहत नगर विकास योजना 8,9,10,11 के तहत अधिग्रहण किया जाने के लिए विकास प्राधिकरण ने सूचना जारी की थी। करीब 1896 किसानों की जमीन इसके तहत अधिग्रहण की जाने की प्रक्रिया की गई। इसके तहत आपत्ति की सुनवाई में भी किसानों को दरकिनार किया गया। किसानों का आरोप है कि अपील स्वीकार नहीं की जाते हुए अनेकानेक बहाने बनाए गए।

इस बार घेरा-डालो में गाय,भैंस भी-

प्रदेशाध्यक्ष कमलसिंह आंजना के अनुसार इस बार घेरा डालो – डेरा डालो में किसान परिवार सहित तो आएंगे ही साथ में ऐसे मवेशी गाय,भैंस भी लाएंगे जो आदतन किसान एवं उसकी पत्नी के हाथ से ही दूध दोहने पर दूध देते हैं। ये मवेशी भी वहीं रखे जाएंगे जहां घेरा डालो डेरा डालो होगा। अब मवेशी आएंगे तो चारा और गौबर जैसी स्थिति भी बनेगी ही। उनके अनुसार प्रांत के 18 जिलों के 115 तहसील से किसान प्रतिनिधि एवं किसान इस आंदोलन में आएंगे। घेरा डालो डेरा डालों की रणनीति आगे विस्तृत होती जाएगी।

बैठक में ये थे प्रमुख रूप से-

बैठक में प्रांत के 18 जिलों से करीब 165 प्रतिनिधि आए थे। बैठक में प्रांताध्यक्ष लक्ष्मीनारायण पटेल,महामंत्री रमेश दांगी,मंत्री धरम पटेल खंडवा , मंत्री भारतसिंह बैस, राजेन्द्र शर्मा,संगठन मंत्री अतुल माहेश्वरी,सह संगठनमंत्री दिनेश शर्मा,कोषाध्यक्ष शांतिलाल शर्मा उज्जैन जिलाध्यक्ष बहादुरसिंह आंजना सहित उज्जैन सहित मालवा प्रांत के सभी जिला अध्यक्ष,महामंत्री,प्रचार मंत्री,तहसील अध्यक्ष,महामंत्री शामिल हुए ।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment