जादू नहीं विज्ञान में हाई स्कूल ढकोरा ने लहराया परचम जीता प्रथम स्थान

ब्यावरा। शासन द्वारा संचालित विज्ञान आधारित कार्यक्रम जादू नहीं, विज्ञान- समझना, समझाना आसान है का आयोजन शासकीय मॉडल स्कूल ब्यावरा में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत प्राचार्य एम.एस.मीणा के प्रेरणादायी उद्बोधन से हुई।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के चमत्कारों को स्वयं समझें, सीखें और विद्यालयों में बच्चों के बीच इनके प्रयोगों का सतत प्रदर्शन करें, जिससे ज्ञानवर्धन होता है और अंधविश्वास दूर होता है। विकासखंड स्तर पर जादू नहीं विज्ञान विज्ञान नाटिका और विज्ञान गीत तीन विधाओं आयोजित इस प्रतियोगिता में हाई स्कूल ढकोरा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। जादू नहीं, विज्ञान प्रतियोगिता में
मुस्कान दांगी, विनीता कारपेंटर ने प्रथम स्थान, विज्ञान नाटिका में प्रीति दांगी, ममता दांगी, रामदुलारी मीना सेजल, विनीता ने द्वितीय स्थान, विज्ञान गीत में द्वितीय स्थान लक्ष्मी वर्मा ने प्राप्त किया हाई स्कूल ढकोरा के प्राचार्य रवि कुमार सुनहरी ने सभी बच्चों एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधाई देते हुए जिला स्तर पर और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में शिक्षक रामेश्वर यादव व अजय का सहयोग भी अनुकरणीय रहा। विद्यालय के बच्चों ने मंच पर कई हैरान करने वाले प्रयोग थमार्कोल का गायब होना, सोडियम में आग लगाना, नारियल पानी से ज्वलन, नींबू से सोडियम में आग जलाना, रक्त जैसी खूनी गुड़िया, बिना आग के दूध उबालना, पेट्रोल-भरे गुब्बारे का फटना आदि किये विशेषता यह रही कि बच्चों ने केवल प्रयोग नहीं किए, बल्कि उनके पीछे का वैज्ञानिक कारण भी सरल भाषा में बताया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस कार्यक्रम की मुख्य मार्गदर्शक एवं विज्ञान शिक्षिका श्रीमती इंदिरा कुशवाहा का योगदान विशेष रहा। उन्होंने कहा कि इन प्रयोगों का उद्देश्य विज्ञान के चमत्कारों के माध्यम से बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना, प्रयोगों को समझने योग्य बनाना और समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दूर करना है। ढोंगी पाखंडी बाबा इन्हीं वैज्ञानिक घटनाओं को जादू बताकर भोली-भाली जनता को भ्रमित करते हैं। यदि बच्चे नियमित रूप से इन प्रयोगों को सीखकर प्रदर्शित करें, तो ये समाज को अंधविश्वास से मुक्त कर सकते हैं।

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