जांच को लेकर तीन सदस्यीय समिति की कार्रवाई शुरू गर्भगृह में विधायक सह पुत्र के प्रवेश घटनाक्रम की होगी संपूर्ण जांच -7 दिन में रिपोर्ट सामने आने के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई

 

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला एवं उनके पुत्र रूद्राक्ष के प्रवेश के मामले में की जांच के लिए बनी समिति बिंदुओं के आधार पर नहीं बल्कि संपूर्ण घटनाक्रम की जांच करेगी। तीन सदस्यीय समिति मंदिर समिति के उपप्रशासक एवं डिप्टी कलेक्टर एसएन सोनी के नेतृत्व में जांच कर रही है।

सोमवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर की भस्मार्ती के पूर्व गर्भगृह में विधायक गोलू शुक्ला के साथ उनके पुत्र रूद्राक्ष ने प्रवेश किया था। उन्हे रोकने के दौरान कर्मचारी आशीष दुबे के साथ उन्होंने अभद्रता की थी। दोनों ने गर्भगृह में कुछ मिनट पूजा की थी। गोलू शुक्ला अपनी कावड यात्रा के यात्रियों को लेकर मंदिर आए थे। घटनाक्रम के दौरान मंदिर के गर्भगृह की यू टयूब लिंक भी कुछ मिनट बंद रहने की जानकारी सामने आ रही है। मामले के सामने आने पर पहले तो मंदिर समिति की और से विधायक के अनुमति की बात कही गई और बाद में उप प्रशासक श्री सोनी ने किसी की भी अनुमति की जानकारी दी थी।

गर्भगृह प्रवेश के मामले के तूल पकडने पर समिति अध्यक्ष एवं कलेक्टर रौशनकुमारसिंह ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए जिसमें उपप्रशासक श्री सोनी के साथ सुरक्षा प्रभारी एवं सेवानिवृत्त एएसपी जयंत राठौर,सहायक प्रशासक एवं नायब तहसीलदार आशीष पडवालिया को जिम्मेदारी सौंपी है। मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने मंदिर समिति प्रशासक कार्यालय का घेराव करते हुए जांच समिति के दो अधिकारियों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए उन्हें यहां से हटाने ,विधायक पुत्र पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने और मंदिर में आम श्रद्धालुओं को गर्भगृह में दोपहर में 12-4 प्रवेश की मांग रखी थी।

संपूर्ण घटनाक्रम रहेगा समिति की जांच के दायरे में-

तीन सदस्यीय समिति की जांच को लेकर कार्रवाई शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है। मंदिर समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार जांच समिति को संपूर्ण घटनाक्रम की तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया गया है। 7 दिन में रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई तय होगी।

आग की घटना की नहीं आ सकी संपूर्ण रिपोर्ट-

सवा वर्ष पूर्व 25 मार्च 2024 को मंदिर के गर्भगृह में होली के अवसर पर आग लगने की घटना हुई थी । इसमें 5 पुजारी सहित 14 लोग झूलसे थे। करीब एक माह उपरांत एक सेवक की मुंबई में मौत हुई थी। तत्कालीन अध्यक्ष एवं कलेक्टर ने एक जांच समिति बनाई थी। उसकी तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई थी। बाद में घटनाक्रम को लेकर मात्र प्रारंभिक रिपोट सामने आ सकी थी उसकी विस्तृत रिपोर्ट जांच समिति के अधिकारियों की तब्दीली के साथ ही दब कर रह गई है।

दान की गणना में चोरी पर हुआ था सख्त एक्शन-

महाकाल मंदिर में दान की गणना में चोरी के मामले में तत्कालीन कलेक्टर एवं मंदिर समिति अध्यक्ष संकेत भोंडवे ने सख्त कार्रवाई की थी। उन्होंने मंदिर समिति के संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज करवाने के साथ ही एक जांच कमेटी बनाई थी। उससे बिंदुवार रिपोर्ट 7 दिन में ली गई थी। उसके साथ ही रिपोर्ट पर अमल कर दिया गया था। उसके तहत अब भी दान पेटियों के खोलने से लेकर गणना का काम पारदर्शी होता रहा है।

 

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