चोरी और वसूली नहीं होने से घाटे में विद्युत कंपनियां – अब पुलिस रोकेगी बिजली की चोरी, उज्जैन में खुलेगा विद्युत पुलिस थाना

उज्जैन। उज्जैन में अब बिजली चोरी रोकने के लिए कवायद की जा रही है और इसके लिए बिजली थाना खोला जाएगा। थाने में प्रतिनियुक्ति पर पुलिस बल तैनात होगा, जो बिजली विभाग की जांच टीमों के साथ जाकर औचक निरीक्षण तो करेगा ही बिजली चोरी करने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर केस डायरी तैयार करेगा। बता दें कि सूबे की मोहन यादव सरकार गुजरात की तर्ज पर प्रदेश भर में विद्युत पुलिस थाना खोल रही है और पहले चरण में जिन शहरों में ये थाने खोले जा रहे है उनमें उज्जैन भी शामिल है। गौरतलब है कि उज्जैन के अलावा भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और रीवा में पहले  चरण के दौरान बिजली पुलिस थाने खोले जा रहे है।

गौरतलब है कि बिजली चोरी और डिफाल्टरों से बिल वसूली नहीं हो पाने से बिजली कंपनियां घाटे में चल रही हैं। कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए सख्ती भी की जा रही है। अभियान चलाकर बिजली बिल वसूला जा रहा है। इसके बाद भी वसूली नहीं हो रही। इसको देखते हुए अब बिजली कंपनी प्रदेश में बिजली थाने खोलेगी। बिजली कंपनी ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। माना जा रहा है कि इससे बिजली चोरी रुकेगी और डिफाल्टरों से बिल वसूली भी आसान हो जाएगा। अभी बिजली बिल वसूली के दौरान कर्मचारियों के साथ मारपीट हो रही है। बिजली थाने खुल जाने से इस तरह के मामलों में कमी आएगी।
बिजली चोरी सबसे बड़ा संकट है
बिजली चोरी सबसे बड़ा संकट है। बिजली चोरी की वजह से बिजली कंपनियों को लाइन लॉस होता है। इससे हर साल बिजली कंपनियां घाटे में रहती हैं। इस घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनियां हर साल बिजली का टैरिफ बढ़ा रही हैं, जिससे बिजली महंगी होती जा रही है। इस लाइन लॉस को कम करने का टारगेट मप्र विद्युत विनियामक आयोग बिजली कंपनियों को दे चुका है। इसको देखते हुए अब बिजली थाने खोलने की तैयारी बिजली कंपनियों ने कर ली है।

थाने में ऐसा होगा स्टॉफ

बिजली थाने बनने पर हर थाने में 2 उप निरीक्षक, 4 सहायक उप निरीक्षक, 8 प्रधान आरक्षक, 16 आरक्षक का स्टाफ रखे जाने की संभावना है। इनमें 14 पुरुष और दो महिला आरक्षक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त 30 जवानों को थाना कार्यालय में कार्य करने के लिए पदस्थ किया जाएगा। इसी तरह उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 2 का एक पद, सहायक उप निरीक्षक डेटा ऑपरेटर का एक पद और सहायक उप निरीक्षक सहायक श्रेणी- 3 का भी एक पद रहेगा। यह आबकारी टीम की तरह काम करेगी। अंतर सिर्फ इतना होगा कि आबकारी की टीम शराब के लिए और बिजली कंपनी की पुलिस बिजली चोरों पर कार्रवाई करेगी।

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