गुलाम-राज मूवी बनानेवाले विक्रम भट्ट 7 दिन की रिमांड पर

30 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में मुंबई से पत्नी के साथ गिरफ्तार, उदयपुर लाया गया

बॉलीवुड फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी श्वेतांबरी को एसीजेएम कोर्ट ने 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस सोमवार रात करीब 10 बजे मुंबई से उदयपुर लेकर आई थी। 30 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में 7 दिसंबर को दोनों को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने मंगलवार दोपहर में दोनों को कोर्ट में पेश किया। दोनों को चित्रकूट नगर स्थित महिला अपराध एवं अनुसंधान सेल में रखा गया था। मामले की जांच डीएसपी छगन सिंह राजपुरोहित कर रहे हैं। उदयपुर पहुंचने पर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी मीडिया के सामने चेहरा छिपाते रहे थे।

हाईकोर्ट ने बेटी को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन दिया- इधर, जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में विक्रम भट्ट की गिरफ्तारी पर रोक को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने विक्रम की बेटी को गिरफ्तारी से प्रोटेक्शन देते हुए एसपी और जांच अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से 15 दिसंबर को कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश दिए हैं। उदयपुर आईजी को भी वीसी से जुड़ने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले कोर्ट ने उदयपुर पुलिस को फटकार लगाते हुए इस मामले में जल्दबाजी पर नाराजगी जताई।

विक्रम के वकील महेंद्र गोदारा ने कोर्ट में बताया कि यह पूरा विवाद सिविल नेचर का है। जिस फिल्म को लेकर विवाद की बात कही जा रही है, वे आरोप भी बेबुनियाद हैं। क्योंकि विक्रम ने इस फिल्म का एक भाग पूरा भी कर लिया है। पुलिस ने आनन-फानन में बिना तथ्यों को देखें गिरफ्तार कर लिया।
वेंडर संदीप को जमानत, को-प्रोड्यूसर की अर्जी खारिज- इस मामले में 16 नवंबर को मुंबई से गिरफ्तार कर लाए गए भट्ट के को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी व फर्जी वेंडर संदीप की जमानत अर्जी पर सोमवार को उदयपुर कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने महबूब की अर्जी खारिज कर दी, जबकि वेंडर संदीप को सशर्त जमानत दे दी।

6 सदस्यीय टीम मुंबई गई थी- 7 दिसंबर को उदयपुर डीएसपी छगन राजपुरोहित की 6 सदस्यीय टीम ने मुंबई पहुंचकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को उनके जुहू स्थित गंगाभवन कॉम्प्लेक्स के फ्लैट से गिरफ्तार किया था। यहां भट्ट के सुरक्षा गार्डों ने पुलिस को रोका भी था। सुरक्षा गार्डों ने पुलिस से कहा था कि साहब व उनकी पत्नी घर पर नहीं हैं। हालांकि पुलिस को हकीकत पता थी और दोनों गिरफ्तार कर लिए गए थे।
व्यापारी की पत्नी की बायोपिक बनाने के नाम पर रुपए लिए- राजस्थान के इंदिरा ग्रुप आॅफ कंपनीज के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया ने 17 नवंबर को विक्रम भट्ट समेत 8 लोगों के खिलाफ 30 करोड़ की धोखाधड़ी की ऋकफ उदयपुर में दर्ज कराई थी।
डॉ. अजय मुर्डिया का आरोप है कि एक इवेंट में उनकी मुलाकात दिनेश कटारिया से हुई थी। दिनेश कटारिया ने उन्हें पत्नी की बायोपिक बनाने का प्रस्ताव दिया। इस सिलसिले में दिनेश कटारिया ने 24 अप्रैल 2024 को मुंबई स्थित वृंदावन स्टूडियो बुलाया था। कटारिया ने उन्हें विक्रम भट्ट से मिलवाया, जहां भट्ट से बायोपिक बनाने पर चर्चा हुई थी। कुछ दिन बाद विक्रम और श्वेतांबरी भट्ट ने डॉक्टर अजय मुर्डिया को कहा- 7 करोड़ रुपए और फाइनेंस करके वे 4 फिल्में 47 करोड़ में बना सकते हैं। इन फिल्मों की रिलीज से 100 से 200 करोड़ रुपए तक मुनाफा हो जाएगा। इसके बाद उनके स्टाफ में अमनदीप मंजीत सिंह, मुदित, फरजाना आमिर अली, अबजानी, राहुल कुमार, सचिन गरगोटे, सबोबा भिमाना अडकरी के नाम के अकाउंट में 77 लाख 86 हजार 979 रुपए ट्रांसफर करवाए। इस तरह 2 करोड़ 45 लाख 61 हजार 400 रुपए ट्रांसफर किए। वहीं इंदिरा एंटरटेनमेंट से 42 करोड़ 70 लाख 82 हजार 232 रुपए का भुगतान किया गया, जबकि चार फिल्मों का निर्माण 47 करोड़ में किया जाना तय हुआ था।
दो मूवी रिलीज हुई, एक पर काम भी शुरू नहीं किया- विक्रम भट्ट और श्वेतांबरी भट्ट ने केवल दो फिल्म का निर्माण कर रिलीज करवाया। तीसरी फिल्म विश्व विराट लगभग 25 प्रतिशत ही बनाई गई। चौथी फिल्म महाराणा-रण की अभी तक शूटिंग भी शुरू नहीं हुई। आरोप है कि डायरेक्टर ने फिल्म महाराणा-रण के ही 25 करोड़ हड़प लिए।
इंदिरा आईवीएफ के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया (पीड़ित) ने फिल्म डायरेक्टर, उनकी पत्नी, बेटी कृष्णा निवासी अंधेरी वेस्ट, मुंबई, दिनेश कटारिया निवासी सहेली नगर उदयपुर, महबूब अंसारी प्रोड्यूसर निवासी ठाणे, मुदित बुटट्टान निवासी दिल्ली, गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव डीएससी चेयरमैन, अशोक दुबे जनरल सेक्रेटरी, फेडरेशन आॅफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज मुंबई के खिलाफ भूपालपुरा (उदयपुर) थाने में रिपोर्ट दी थी।

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