गुजरात में ब्लैकलिस्ट कंपनी को उज्जैन में मिला ₹476 करोड़ का सीवेज प्रोजेक्ट: टेंडर के समय छिपाई थी जानकारी, अब सरकार ने मांगी विधिक राय

गुजरात में ब्लैकलिस्ट कंपनी को उज्जैन में मिला ₹476 करोड़ का सीवेज प्रोजेक्ट: टेंडर के समय छिपाई थी जानकारी, अब सरकार ने मांगी विधिक राय

सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के बीच उज्जैन में सीवेज प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। यहां ₹476 करोड़ का सीवेज प्रोजेक्ट उस मैसर्स एन.पी. पटेल एंड कंपनी को दिया गया है, जिसे गुजरात वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड ने ब्लैकलिस्ट किया था।

निविदा (टेंडर) के दौरान कंपनी ने अपनी यह स्थिति छिपा ली और बाद में स्टे ऑर्डर का हवाला देकर काम हासिल कर लिया। अब यह मामला नगरीय प्रशासन विभाग के लिए सिरदर्द बन गया है और विभाग ने इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता से विधिक राय मांगी है।


⚖️ कैसे हुआ खुलासा

नगरीय प्रशासन आयुक्त द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता को भेजे गए एक पत्र में यह खुलासा हुआ कि उज्जैन का यह सीवेज प्रोजेक्ट उसी कंपनी को दिया गया है जिसे
8 फरवरी 2024 को गुजरात सीवरेज बोर्ड ने डीबार (ब्लैकलिस्ट) किया था।

कंपनी ने इसके खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर स्टे ऑर्डर ले लिया था।
यह स्टे 9 अप्रैल 2024 को मिला था और इसी बीच दिसंबर 2024 में उज्जैन का ऑनलाइन टेंडर जारी हुआ।

जब तक यह मामला खुला, कंपनी 13% काम पूरा कर चुकी थी।


⚠️ हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग

9 मई 2025 को गुजरात हाईकोर्ट ने कंपनी की पिटीशन खारिज कर दी,
जिसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है जो अभी पेंडिंग है।
इसके बावजूद उज्जैन में कंपनी का काम जारी है।


🏗️ अमृत 2.0 के तहत उज्जैन में 475 किमी का सीवरेज नेटवर्क

  • प्रोजेक्ट की कुल लागत: ₹476 करोड़

  • नेटवर्क की लंबाई: 475 किमी

  • 18,699 मेनहॉल, 24,763 हाउस सर्विस चेंबर

  • 2 सीवेज लिफ्ट स्टेशन, 2 पंपिंग स्टेशन

  • 47 हजार घरों को जोड़ने का लक्ष्य

  • प्रोजेक्ट पूरा करने की समयसीमा: 3 वर्ष

अभी तक शहर के सिर्फ 13 हजार घरों में सीवेज कनेक्शन हुआ है, जबकि 47 हजार घर अब भी जुड़ना बाकी हैं।


🏛️ विभाग की स्थिति: ‘टेंडर के समय लिटिगेशन हिस्ट्री बताना जरूरी नहीं था’

नगरीय प्रशासन आयुक्त के पत्र में लिखा गया —

“निविदा के समय लिटिगेशन हिस्ट्री प्रस्तुत करने का प्रावधान नहीं था। इसलिए कंपनी ने यह जानकारी नहीं दी। उस समय उसके पास गुजरात हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर था, इसलिए वर्क ऑर्डर जारी किए गए।”

वर्तमान में स्थगन आदेश प्रभावी नहीं है, लेकिन काम चालू है।


📍 कई शहरों में रद्द हुए टेंडर

इसी कंपनी ने सिवनी, बुरहानपुर और मुरैना में भी सीवरेज प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किए थे।
मामला विवादित होने पर इन तीनों शहरों में टेंडर दोबारा बुलाने पड़े।

संकेत भोंडवे, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं आवास, ने कहा —
“उज्जैन के सीवेज कार्य की हर स्तर पर निगरानी की जा रही है। इस संबंध में विधिक राय मांगी गई है ताकि आगामी निर्णय कानूनी रूप से मजबूत हो।”


🧩 सिंहस्थ से पहले सीवेज प्रोजेक्ट पर उठे सवाल

उज्जैन में सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत यह प्रोजेक्ट शहर की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं में से एक है।
लेकिन ब्लैकलिस्टेड कंपनी को काम मिलने, धीमी प्रगति, और गुणवत्ता को लेकर उठे सवालों ने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment