खुसूर-फुसूर
नए मार्ग और टपोरी काम
हाल ही में उज्जैन से निकलकर जाने वाले अनेक मार्ग राष्ट्रीय हो गए हैं। इसके साथ ही प्रांतीय मार्ग भी हैं। इन मार्गों पर लगने वाले टोल की दर अलग-अलग है और प्रांतीय एवं राष्ट्रीय एजेंसियों के नियमों में भी थोडा बहुत अंतर बताया जा रहा है। इन मार्गों पर कतिपय टोल कंपनियों ने टोल वसूली का काम लेकर बडा एहसान किया है। उनके गुर्गों की हरकतें और रूआबदारी बताती है कि उन्होंने टोल प्लाजा ही ठेके पर नहीं लिया पूरा मार्ग ही उनकी बपौती में आ गया है। इन कंपनियों के छिछोरे टोल पर गुंडागर्दी तो करते ही हैं साथ ही वाहनों में बैठी महिलाओं को देखकर गलत इशारे भी करते हैं। पूर्व में भी इनकी जमकर शिकायतें हुई हैं। नियम कानून को ये जेब में रखकर वाहन चालकों से रंगदारी से ही बात करते हैं। न तो इन टोलों पर नियमों की पूर्ति ही की जा रही है और न हीं यहां व्यवस्थाओं के नाम पर ही कुछ है। शहर से चारों और नए मार्ग अभी और अस्तित्व में आ रहे हैं और आने वाले समय में और आएंगे। ऐसे में नए –नए टोल बेरियर लगेंगे और रोज –रोज टंटे होंगे। खुसूर-फुसूर है कि इसकी अपेक्षा मक्सी रोड टोल की तरह ग्रामीण महिलाओं के समूहों को टोल बेरियर चलाने के लिए दिया जाए जिससे मार्ग पर गुंडागर्दी भी कम होगी और महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा । यही नहीं दुर्घटनाओं की स्थिति में भावुक एवं मानवीय दृष्टिकोण का भी अधिक सहयोग मिलेगा।
