कक्षाओं में पढ़ाने पर ही लग सकेगी ’गुरूजी’ की हाजिरी

स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर अब कसी जाएगी लगाम

उज्जैन। जिले के सरकारी स्कूलों में यह शिकायत आम बात है कि शिक्षक गायब रहते है लेकिन अब ऐसे शिक्षकों पर लगाम लगने वाली है क्योंकि उनकी हाजिरी तभी लग सकेगी जब वे कक्षाओं में पढ़ाएंगे।

मनमानी की खबरें सामने आती रहती हैं

जिले सहित पूरे प्रदेश में के  सरकारी स्कूलों से अब गुरुजी गायब नहीं रह पाएंगे। उनको कक्षाओं में पढ़ाना ही होगा, तभी उनकी हाजिरी लगेगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नया पोर्टल तैयार कराया है। दरअसल सरकारी स्कूलों में टीचर की मनमानी की खबरें सामने आती रहती हैं। कभी क्लास में आराम फरमाना तो कभी घंटों गायब रहना। लेकिन शिक्षा विभाग ने इसका तोड़ निकाल लिया है। नवीन पोर्टल पर शिक्षक विद्यालयों में पहुंचकर एक घंटे के अंतराल में ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करेंगे। हाजिरी का यह नियम 1 जुलाई 2025 से लागू कर दिया जाएगा।

आधा घंटा पूर्व या बाद में ई-उपस्थिति लगेगी
जब छुट्टी होगी तब आधा घंटा पूर्व या बाद में ई-उपस्थिति लगेगी। निर्धारित समय सीमा के पश्चात उपस्थिति दर्ज करने पर आधे दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा। पोर्टल 3.0 पर हमारे शिक्षक ई गवर्नेंस प्लेटफार्म के अंतर्गत 23 से 30 जून की समयावधि में इस प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग इस नई व्यवस्था का ट्रायल उन क्षेत्रों में शुरू कर रहा है, जहां इंटरनेट की समस्याएं बताई जा रही थी। यहां पर प्रयोग के तौर पर ऑनलाइन अटेंडेंस का काम प्रारंभ किया गया है। यहां पर यह देखा जा रहा है कि इंटरनेट कितना सहयोग कर रहा है। क्या तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं। इन समस्याओं को सुधारने के लिए डिपार्टमेंट टेक्निकल एक्सपर्ट की मदद ले रहा है।  सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं।   वहीं कुछ शिक्षक स्कूलों के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते हैं।
कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना 
 स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से 2017, 2020 और 2022 में ऑनलाइन उपस्थिति शिक्षा मित्र एप के जरिए शुरू की गई थी, लेकिन शिक्षकों ने इस प्रक्रिया का विरोध किया। कभी स्मार्ट फोन तो कभी नेटवर्क का बहाना बनाकर ऑनलाइन उपस्थिति की प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाई। लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने बताया कि 1 जुलाई से टीचर्स की अटेंडेंस ऑनलाइन तरीके से दर्ज होगी। इस नवीन व्यवस्था में सेवकों के स्वत्वों संबंधित आवेदन प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत करने की सुविधा होगी। अवकाश स्वीकृति, लेखों का संधारण, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान का लाभ, वेतन वृद्धि लाभ, परिवीक्षा अवधि एवं शिक्षकों की प्रशिक्षण उपस्थिति और पेंशन स्वत्व भुगतान संबंधी पूरा रिकॉर्ड इसी में रहेगा।
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