एक तरफ नया ब्रिज,पास में मेडिसिटी का निर्माण चामुण्डा चौराहा विकास की उठी मांग -भविष्य में चौराहा के अतिव्यस्त होने की स्थिति होने की संभावना

 

उज्जैन। शहर के सबसे व्यस्त चामुंडा चौराहा के भविष्य में और अधिक व्यस्त होने की संभावना प्रब्ल हो गई है।इस क्षेत्र में एक साथ एक ही चौराहा पर चौतरफा दबाव आने की स्थिति निर्माण कार्य को देखते हुए बन रही है। इसके चलते इस चौराहा का चौतरफा नियमानुसार विकास अत्यधिक आवश्यक हो गया है। यह चौराहा राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर-कोटा पर स्थित होने से यातायात की दृष्टि से इसका महत्व और अधिक बढ गया है।

पुरातन समय से ही उज्जैन शहर के पुराने एवं नए हिस्से को जोडने वाले प्रमुख चौराहा के रूप में चामुंडा चौराहा जाना जाता है। नए शहर को जोडने वाला अन्य विकल्पों में मात्र गधा पुलिया का हिस्सा ही कभी आवागमन के लिए हुआ करता था और वह भी छोटे वाहनों के लिए । इसके बाद एक –एक कर कई विकल्प होते गए,लेकिन इसके बावजूद वर्तमान में भी इस चौराहा की व्यस्तता सर्वाधिक है। शहर के सबसे महत्वपूर्ण यातायात चौराहा यही है।

4दशक में बने कई विकल्प-

पिछले 4 दशक में शहर में पुराने एवं नए हिस्से को जोडने एवं सुगम यातायात के लिए कई विकल्प बने हैं। इनमें हरिफाटक ब्रिज,जीरो पाईंट ब्रिज, डालडा फैक्ट्री ब्रिज,आउटर रिंग रोड,लाल पुल ब्रिज,शांति पैलेस ब्रिज प्रमुख हैं। वर्तमान में इन सभी से आवागमन डायवर्ट हुआ है।

चामुंडा चौराहा प्रमुख-

शहर का चामुंडा चौराहा वर्तमान में भी सर्वाधिक यातायात के दबाव का क्षेत्र है। देवासगेट बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन का यह प्रमुख चौराहा है तो राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर –कोटा पर यह चौराहा स्थित है। पुराने एवं नए शहर के मध्य में यही चौराहा प्रमुख आवागमन का केंद्र है।

ये उठी मांग-

चामुण्डा  माता चौराहे पर   विशाल मेडिसिटी( मेडिकल  कॉलेज होस्टल तथा अस्पताल) और फ्रीगंज ओवरब्रिज की दूसरी  शाखा का निर्माण चल रहा है जिनके पूर्ण होने पर यह चौराहा अत्यधिक व्यस्त हो जायेगा । इस  चौराहे को  प्रदेश का सबसे व्यवस्थित, सुन्दर और भव्य चौराहा बनाने की योजना के साथ साकार रूप देने के लिए लेखक सन्तोष सुपेकर ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव को पत्र लिखकर किया  है । महापौर मुकेश टटवाल एवं उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेडा को भी इसके लिए आग्रह पत्र भेजे गए हैं।

 

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