दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन में गुरुवार को ऐसा लगा कि सिंहस्थ 2028 का आगाज हो गया। वहीं अखाड़े, वहीं साधु-संत और पेशवाई के साथ नहान का नजारा दिखाई दिया। दरअसल गंगा दशहरा पर यह सालाना आयोजन जूना अखाड़ा और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की अगुवाई में नीलगंगा स्थित पड़ाव स्थल पर रखा गया था।
पेशवाई में रथ, घोड़े, बैंड, ढोल, कड़ाबिन के साथ नागा साधु आगे हाथों में शस्त्र व ध्वज लिए पैदल चल रहे थे। विभिन्न मार्गों से होकर पेशवाई नीलगंगा सरोवर पहुंची जहां पूजन-अर्चन के बाद संतों ने डुबकी लगाकर नहान की परंपरा का निर्वहन किया। शाम को दीपकों से मां नीलगंगा की महाआरती की गई। अखाड़े के स्थानीय प्रबंधक डॉ. गोविंद सोलंकी, डॉ. राहुल कटारिया ने बताया महाआरती के साथ सवा क्विंटल हलवे का भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। वेणु नाद नृत्य अकादमी की बालिकाओं ने गंगा स्तुति की प्रस्तुति दी। क्षेत्रवासियों ने शिवांजलि गार्डन में भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। इस पूरे आयोजन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि महाराज, अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी महाराज, जगतगुरु स्वामी वीरभद्र नंद गिरि महाराज, अखाड़े के उपाचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी महाराज, महामंडलेश्वर श्रद्धा गिरि माताजी, महामंडलेश्वर चेतना गिरि माताजी, महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी भगवतानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद गिरि महाराज सहित सैकड़ों साधु-संत शामिल हुए।
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