उज्जैन में मतदाता सूची पर सवाल: 22,363 मकानों में 11 से 50 तक मतदाता, 72 घरों में 50 से ज्यादा नाम
उज्जैन। जिले की मतदाता सूची पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वोट चोरी जैसे विपक्ष के आरोपों के बीच अब यह सामने आया है कि उज्जैन जिले के 22,363 मकान ऐसे हैं, जहां 11 से लेकर 50 मतदाता दर्ज हैं। वहीं, 72 मकान ऐसे भी मिले हैं, जिनमें 50 से ज्यादा मतदाता दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा संदिग्ध पते उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में
जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों की पड़ताल में सबसे ज्यादा संदिग्ध पते नगर निगम उज्जैन क्षेत्र में 5472 मकानों में मिले। जिले के सभी 8 नगरीय क्षेत्रों में 8172 मकान और 6 जनपद पंचायतों के अंतर्गत आने वाले 14,191 मकान इस जांच के दायरे में आए हैं।
निर्वाचन आयोग ने शुरू की छानबीन
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए स्थानीय प्रशासन को जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद नगरीय निकाय और पंचायत स्तर पर 760 से ज्यादा प्राधिकृत कर्मचारियों को घर-घर जाकर सत्यापन के काम में लगाया गया है। कर्मचारी यह जांच रहे हैं कि –
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संबंधित मकान में दर्ज मतदाता वास्तव में वहीं रहते हैं या नहीं।
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अगर नहीं रहते तो वे कहां रहते हैं।
जांच रिपोर्ट तैयार करके प्रशासन के माध्यम से इसे सीधे निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा।
ग्राउंड रिपोर्ट: बफाती की चाल में 100 लोग एक ही पते पर
जांच के दौरान उज्जैन शहर में बंबइया घाटी के पास बफाती की चाल का उदाहरण सामने आया, जहां करीब 12-13 परिवारों के 100 से ज्यादा लोग एक ही पते पर दर्ज हैं। वहीं, ग्रामीण रकबे वाली कॉलोनियां, जो हाल ही में नगर निगम सीमा में शामिल हुई हैं, वहां मकानों को नंबर आवंटित न होने के कारण कई मतदाता एक ही पते पर दर्ज पाए गए।
क्या है आगे की कार्रवाई?
स्थानीय निकायों के साथ-साथ भारत निर्वाचन आयोग के अधीन अधिकारी भी विधानसभा क्षेत्रवार अलग से जांच कर रहे हैं। अब देखना होगा कि इस जांच के बाद कितने नाम सही साबित होते हैं और कितने मतदाता सूची से बाहर किए जाते हैं।
