उज्जैन में किसानों का हल्ला बोल: मुआवजे और समर्थन मूल्य सहित 19 मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन।
उज्जैन: मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) की उज्जैन जिला इकाई ने किसानों की मूलभूत समस्याओं को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने अपनी 19 सूत्रीय मांगों का एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा, जिसमें प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा, सम्मानजनक बीमा राशि और समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद जैसी प्रमुख मांगें शामिल थीं। किसानों की मुख्य मांगों में से एक है प्राकृतिक आपदा और पीले मोजैक रोग से नष्ट हुई फसलों का तत्काल मुआवजा और बीमा क्लेम। उनका कहना है कि 2024 (खरीफ) सीजन में भारी बारिश से सोयाबीन की फसल बुरी तरह से नष्ट हो गई थी, लेकिन कई किसानों को अभी तक बीमा क्लेम नहीं मिला है। किसानों ने सरकार से समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद के लिए जल्द से जल्द पंजीकरण शुरू करने की मांग की। साथ ही, सोयाबीन का समर्थन मूल्य बोनस सहित ₹6,000 प्रति क्विंटल करने की अपील भी की गई। किसानों ने अपनी फसलों को आवारा पशुओं जैसे गाय, सुअर और नीलगाय से हो रहे नुकसान से बचाने के लिए एक ठोस कार्ययोजना बनाने की भी मांग की। इसके अलावा, रासायनिक खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने पर भी जोर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने सिंचाई के लिए दिन के समय 12 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में मनमाने तरीके से दिए गए घरेलू बिजली बिलों को वापस लेने की भी अपील की। किसानों ने राजस्व विभाग में फैले “बाबूराज” पर अंकुश लगाने, लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने और नामांतरण व सीमांकन जैसे कार्यों में वसूली रोकने की भी मांग की। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण कानून को वापस लेने की भी अपील की।
भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया, तो वे अपने विरोध प्रदर्शन को और तेज करेंगे। इस धरने ने जिले के किसानों की समस्याओं को एक बार फिर से उजागर कर दिया है।
