उज्जैन: पारंपरिक कार्तिक मेले की तैयारी जोरों पर, झूले और स्थानीय व्यंजन रहेंगे आकर्षण का केंद्र
उज्जैन। मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा के पावन तट पर लगने वाले परंपरागत कार्तिक मेले की तैयारियां नगर निगम द्वारा जोर-शोर से शुरू कर दी गई हैं। यह वार्षिक मेला 3 नवंबर से प्रारंभ होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। नगर निगम के सहायक यंत्री डीएस परिहार और उपयंत्री प्रवीण वाडिया ने मेला मैदान पर लगने वाली दुकानों के निर्माण के लिए लेआउट डालने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी इस समय मैदान की सफाई, बिजली व्यवस्था और अस्थायी दुकानों के निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर, मेले में रोमांच भरने वाले झूले लगाने वाले व्यापारी भी उज्जैन पहुंच चुके हैं। झूला संचालक अपने झूलों को आकर्षक रंगों और सजावट से सजा रहे हैं। अनुमति मिलते ही ग्राउंड में झूले लगाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इस वर्ष का कार्तिक मेला कई आकर्षणों का केंद्र रहेगा। मेले में झूले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, हस्तशिल्प, और स्थानीय व्यंजन विशेष आकर्षण रहेंगे। उज्जैनवासियों और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गरमागरम गराडू, रसीली जलेबी और चटपटी पानीपुरी जैसी पारंपरिक व्यंजन स्टॉल्स भी सजेंगी।
हर साल की तरह इस बार भी मेला क्षेत्र में प्रशासन द्वारा सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। मेला मैदान को रोशनी से सजाया जाएगा ताकि श्रद्धालु रात्रि में भी मेले का आनंद ले सकें।
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, “कार्तिक मेला उज्जैन की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। हम इसे और बेहतर बनाने के लिए इस बार विशेष प्रयास कर रहे हैं।”
👉 मेले की तिथि: 3 नवंबर से 4 दिसंबर
👉 स्थान: कार्तिक मेला ग्राउंड, मोक्षदायिनी मां क्षिप्रा तट, उज्जैन
