ई-अटेंडेंस में कभी नेटवर्क तो कभी पोर्टल की समस्या से रही बाधा ट्रॉयल में बेपटरी रही नई व्यवस्था,लागू तो होगी -हर एक घंटे में शिक्षक को लगाना पडी हाजरी, पढाने पर ध्यान कम हाजरी पर ज्यादा

उज्जैन । करीब एक माह तक शिक्षा विभाग में चली ई-अटेंडेंस की ट्रायल प्रक्रिया में कभी नेटवर्क का तो कभी पोर्टल की समस्या से बाधा रही है। हर घंटे में ई-अटेंडेंस की तरफ शिक्षकों का ध्यान इस दौरान ज्यादा रहा है न कि विद्यार्थियों को पढाने में । ट्रायल में फिलहाल इस नई ई- अटेंडेंस की व्यवस्था को शिक्षक और शिक्षा विभाग के कर्मचारी बेपटरी ही बता रहे हैं। 01 जुलाई से यह व्यवस्था अनिवार्य रहेगी।

सरकारी स्कूल के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजरी की नई व्यवस्था ट्रायल के रूप में शिक्षकों ने सेल्फी लेकर  शिक्षक ई-गवर्नेस प्रणाली पर अपलोड किया है। नई व्यवस्था ट्रायल बतौर 30 जून तक चलने की बात सामने आ रही है। लोक शिक्षण से आए पत्र के अनुसार 23 से 30 जून तक इस नई व्यवस्था की ट्रायल होगी, उसके बाद 01 जुलाई से इसे अनिवार्य किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या-

 ट्रॉयल में यह नई व्यवस्था मोबाईल की 4 जी नेटवर्क में भी बेपटरी ही बताई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों को नेटवर्क नहीं मिलने के कारण इसके ट्रायल के दौरान काफी परेशानी आने की बात कही जा रही है । बताया जा रहा है कि कई शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस में सेल्फी ले ली, कमजोर नेटवर्क की वजह से पोर्टल पर अपलोड नहीं हो सकी ऐसे मामले भी रहे हैं। कुछ शिक्षकों से ट्रायल ई-अटेंडेंस के बारे में  जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि आधे घंटा का समय इस नई व्यवस्था में लग रहा है। ट्रायल की शुरूआत से ही नेटवर्क की समस्या से दो चार होना पडा है। इस दौरान पोर्टल पर तकनीकी समस्या भी सामने रही है।

ऐसी है ई-अटेंडेंस व्यवस्था-

इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षक विद्यालयों में पहुंचकर एक घंटे के अंतराल में ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज करेंगे। जब छुट्टी होगी तब आधा घंटा पूर्व या बाद में ई-उपस्थिति लगेगी। निर्धारित समय सीमा के पश्चात उपस्थिति दर्ज करने पर आधे दिन का आकस्मिक अवकाश दर्ज किया जाएगा। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फेस रिकॉग्रिशन (फेस स्कैन) के जरिए उपस्थिति दर्ज करानी होगी। सार्थक एप शिक्षकों के स्थान और चेहरे की पहचान करेगा। एप शिक्षकों के हर मूवमेंट को भी ट्रैक करेगा।

सभी प्रकार के आवेदन भी एप पर-

 नवीन व्यवस्था में कर्मचारियों और शिक्षकों के सभी आवेदन प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत करने की सुविधा होगी। यही वजह है कि इस एप के बाद अब शिक्षकों को अपने स्वत्वों से संबंधित आवेदन देने, उनके हितलाभ की जानकारी, उनका संधारण, व्यक्तिगत लाभ एवं स्वत्वों के भुगतान की भी सुविधा होगी। इसी एप के माध्यम से अब शिक्षक अपने अवकाश आदि के आवेदन भी दे सकेंगे। इसी एप पर शिक्षकों की क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान आदि विभाग से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध भी रहेगी।

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