सुसनेर। जिले में प्रस्तावित जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत चुनावों से पहले अमरकोट एवं सरदारपुरा क्षेत्र में सड़क समस्या को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। वर्षों से लंबित पड़ी ढाई किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर रैली निकाली और रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगाए। इस दौरान ग्रामीणों ने आगामी 29 दिसंबर को होने वाले चुनाव के बहिष्कार का ऐलान करते हुए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को चेताया कि यदि शीघ्र ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो उनका आंदोलन और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि अमरकोट से सरदारपुरा, त्रिलोकपुर, धतुरिया, मैनपुर और रामपुरिया को जोड़ने वाली यह सड़क क्षेत्र की जीवनरेखा है। लेकिन आजादी के 78 वर्ष बाद भी इसका निर्माण नहीं हो पाया है। इस मार्ग से करीब 3000 की आबादी सीधे तौर पर जुड़ी हुई है, जिन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में कच्चा रास्ता कीचड़ में तब्दील हो जाता है, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और किसानों को आवागमन में गंभीर दिक्कतें होती हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण को लेकर वे कई बार सांसद, विधायक से लेकर जिला प्रशासन और कलेक्टर तक अपनी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला, जमीन पर कोई काम शुरू नहीं हुआ। इससे ग्रामीणों में गहरा असंतोष व्याप्त है। इसी नाराजगी के चलते अब ग्रामीणों ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव बहिष्कार का निर्णय लिया है। रैली के दौरान ग्रामीणों ने बैनर-पोस्टर हाथों में लेकर गांव की गलियों में भ्रमण किया और एक स्वर में सड़क निर्माण की मांग उठाई। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि बुनियादी सुविधाओं के लिए है। जब तक ढाई किलोमीटर सड़क का ठोस निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होता, तब तक उनका यह लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा।
अमरकोट-सरदारपुरा के ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार
