दिन (10 घंटे 41 मिनट) साल में सबसे छोटा और रात (13 घंटे 19 मिनट) साल में सबसे बड़ी रही

(22 दिसंबर) को एक खगोलीय घटना  रही ।  दिन (10 घंटे 41 मिनट) साल में सबसे छोटा और रात (13 घंटे 19 मिनट) साल में सबसे बड़ी रही । इस खगोलीय घटना को समझने के लिए कई लोग जीवाजीराव वेधशाला पहुंचे।

जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी परिभ्रमण करती है। 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत हैं। इस दिन सूर्य की क्रांति 23 अंश 26 कला 15 विकला दक्षिण होगी। जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी।

22 दिसंबर को उज्जैन में सूर्योदय 7 बजकर 05 मिनट हुआ और सूर्यास्त 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। जिससे दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट और रात की अवधि 13 घंटे 19 मिनट की होगी। इस घटना को शंकु यंत्र से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन शंकु की छाया सबसे लंबी होकर पूरे दिवस मकर रेखा पर गमन करती दृष्टिगोचर होगी। इस घटना को हम धूप होने पर ही देख सकेंगे।

अब दिन बड़े और रात छोटी होंगी

डॉ. आरपी गुप्त ने बताया कि 22 दिसंबर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना शुरू हो जाती है, जिसे सायन उत्तरायन का प्रारंभ कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन बड़े होने लगेंगे। रात छोटी होने लगेंगी। 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होगा। तब दिन-रात की अवधि बराबर होगी।

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