उज्जैन। स्कूलों में संस्कृत भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने के लिये सोमवार को संस्कृत भारती, संस्कृत शिक्षक संघ, जिला संस्कृत प्रकोष्ठ प्रभारी और संस्कृत शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। इनकी मांग थी कि कक्षा ९वीं से १२वीं तक संस्कृत भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किया जाये।
डॉ. उपेंद्र भार्गव ने बताया कि नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के विकास के लिए संस्कृत भाषा अति आवश्यक है। विद्यालय स्तर पर संस्कृत भाषा के स्थान पर व्यवसायिक शिक्षा को महत्व दिया जा रहा है। संस्कृत भाषा को अनिवार्य कराने के लिये रैली निकाली गई और ज्ञापन सौंपा गया है। नवीन शिक्षा नीति 2020 के नियमों का उल्लंघन है। इसमें सुधार के लिये कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक संस्कृत भाषा को अनिवार्य करते हुए संस्कृत भाषा का संरक्षण व संवर्धन किया जाये। हरियाणा बोर्ड और दिल्ली बोर्ड में संस्कृत विषय को अनिवार्य विषय के रूप में स्थान दिया गया है। रैली में सुभाष कुमावत, अभय तिवारी, रमेश शुक्ल, डॉ. श्रेयस कोराने मनोज व्यास, धर्मदास बैरागी, काकुल सक्सेना, मनमोहन तिवारी, अपूर्व पौराणिक, सारिका सोनी, स्वाति तिवारी, वंदना गुप्ता, रितु बडेरा, मनोज द्विवेदी, मुकेश भाला, मनीष बैरागी उपस्थित थे।
