इंदौर: 14 साल पुराने PCPNDT एक्ट उल्लंघन मामले में 2 डॉक्टरों को एक-एक साल की सजा

इंदौर: 14 साल पुराने PCPNDT एक्ट उल्लंघन मामले में 2 डॉक्टरों को एक-एक साल की सजा

इंदौर जिला कोर्ट ने PCPNDT एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act) के उल्लंघन के मामले में दो डॉक्टरों को एक-एक साल की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला 14 साल पुराना है, जिसकी शुरुआत अखबारों में छपी एक खबर से हुई थी।

मामला क्या है?

  • अप्रैल 2011 में इंदौर की एक महिला ने आइडियल मेडिकल सेंटर (स्नेह नगर) में सोनोग्राफी करवाई थी।

  • आरोप है कि महिला पर लिंग परीक्षण का दबाव था। जांच में कई अनियमितताएं मिलीं।

  • 1 जून 2011 को अखबार में खबर छपी कि महिला ने सोनोग्राफी के बाद तनाव में आकर आत्महत्या कर ली।

  • प्रशासन ने जांच कराई और पाया कि:

    • घोषणापत्र पर महिला के हस्ताक्षर नहीं थे।

    • कई फॉर्म-F पर डॉक्टरों के हस्ताक्षर नहीं थे।

    • अनिवार्य ANC रजिस्टर भी मेंटेन नहीं किया गया।

दोषी पाए गए डॉक्टर

  • डॉ. राजू प्रेमचंदानी (62), सर्वोदय नगर

  • डॉ. अजय मोदी (63), केसरबाग

दोनों को दोषी मानते हुए कोर्ट ने एक-एक साल कारावास, तीन-तीन महीने का अतिरिक्त कारावास और 6-6 हजार रुपए जुर्माने की सजा दी।

कोर्ट की टिप्पणी

  • कोर्ट ने कहा कि यह अपराध गंभीर और समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला है।

  • अपराधियों को छोड़ने पर समाज को गलत संदेश जाएगा।

  • इसलिए परिवीक्षा अधिनियम के तहत राहत देने से इनकार कर दिया गया।

केस टाइमलाइन

  • अप्रैल 2011 – महिला ने सोनोग्राफी करवाई।

  • 1 जून 2011 – महिला की आत्महत्या की खबर अखबारों में छपी।

  • 7 जून 2011 – DSP ने जानकारी दी कि जांच आइडियल मेडिकल सेंटर में हुई थी।

  • 11 जून 2011 – प्रशासन ने निरीक्षण किया, गड़बड़ियां सामने आईं।

  • 24 जून 2011 – जिला सलाहकार समिति ने उल्लंघन की पुष्टि की।

  • 2011-2017 – मामला कोर्ट में लंबित रहा, 2017 में आरोप तय हुए।

  • 16 सितंबर 2025 – कोर्ट ने दोनों डॉक्टरों को सजा सुनाई।

👉 यह फैसला समाज को संदेश देता है कि लिंग परीक्षण और PCPNDT एक्ट का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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