पहाड़ी पर दबिश देकर महिलाओं की फायरिंग के बीच पकड़े मेवाती ठग, पुराने सिक्के खरीदने का लालच देकर करते थे तोड़ बट्टा

 

 

इंदौर। अपराध शाखा ने मेवात गैंग के दो सदस्यों को पकड़ा है, जो अलग-अलग तरीके से देशभर में ठगी करते हैं। कभी परिचित बनकर तो कभी पुराने सिक्के खरीदने का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहे थे। इनके पास से पुलिस को फर्जी आईडी, मोबाइल नंबर, बैंक खातों और पुलिस अफसरों के फोटो भी मिले हैं। आरोपी पहाड़ी क्षेत्र में रहते हैं। दबिश के लिए राजस्थान और हरियाणा पुलिस की मदद लेनी पड़ी। ठग गिरोह की महिलाएं फरसा लेकर पुलिस के सामने डट गई। जब आरोपियों को पकड़ा तो फायरिंग भी कर दी।

फर्जी ट्रांजैक्शन दिखाकर हड़प लिए रुपए

एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के अनुसार विजयनगर थाने में एक व्यक्ति ने 96 हजार रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। आरोपियों ने परिचित बनकर पीड़ित से बात की और कहा कि उसे किसी से 90 हजार रुपये लेना है। तकनीकी कारणों से स्वयं के खाते में रुपये नहीं जमा हो रहे हैं। ठग ने फरियादी को फर्जी ट्रांजेक्शन दर्शाया और 96 हजार रुपये ले लिए। पुलिस ने मोबाइल नंबर और बैंक डिटेल के आधार पर रईस खान और अली शेर मोहम्मद दोनों निवासी पहाड़ी डीग राजस्थान को पकड़ लिया।

अलग-अलग तरीके से करते हैं ठगी

एडीसीपी के अनुसार हरियाणा सीमा से लगा पहाड़ी गांव मुस्लिम बहुल है। इस गांव में रहने वाले ज्यादातर युवा साइबर क्राइम, ओएलएक्स ठगी, सस्ता सोना, वाहन बेचने के नाम पर ठगी करते हैं। पुलिस गांव में दबिश देने से बचती है। पूरे देशभर की पुलिस किसी न किसी केस में क्षेत्र में घूमती रहती है। अफसरों ने दबिश के पहले पहाड़ी थाना से बल लिया। नुह एसपी से भी मदद मांगी। तीनों राज्यों की पुलिस ने एक साथ दबिश देकर दो आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों को जैसे ही पकड़ा, महिलाएं हथियार लेकर आ गई। गिरफ्तारी के बाद भी आरोपियों को छुड़वाने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर फायर कर दिए।

पुराने सिक्के खरीदने का झांसा

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे सुबह से रात तक सैकड़ों लोगों को इसी तरह काल लगाते हैं। दिनभर में चार-पांच लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। मोबाइल की जांच करने पर पुलिस अफसरों को पुराने सिक्कों के फोटो मिले। सख्ती करने पर बताया कि इंस्टाग्राम व फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों से अप्रचलित पुराने सिक्के खरीदने के लिए संपर्क करते हैं। लोग लाखों रुपये कमाने के चक्कर में लालच में आ जाते हैं। गिरोह का दूसरा सदस्य पुलिस अफसर बनकर उन्हें धमकाता है कि सिक्के बेचना और खरीदना अपराध है। बाद में आरोपी तोड़बट्टा करने के लिए रुपये ऐंठ लेते हैं।