देश में रष्ट्रभक्ति एवं चरित्र निर्माण के लिए हुई संघ की स्थापना- पांडेय

ब्यावरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हर भारतवासी में रष्ट्रभक्ति एवं चरित्र निर्माण के लिए हुई है। जब डॉ. हेडगेवारजी ने संघ की स्थापना की। तब स्वतंत्रता का आंदोलन चल रहा था। उस समय उन्होंने अध्ययन, चिंतन किया और अंतत: विचार किया कि देश को भले ही स्वतंत्रता प्राप्त हो जाए, लेकिन जब तक हममें यह विचार नहीं होगा कि हम पराधीन क्यों हुए। तब तक स्वतंत्रता स्थाई नही होगी। उन्होंने चिंतन के बाद पाया कि हम सामाजिक दृष्टि एक नहीं थे। आपस में फूट थी। भेदभाव था। देश में एकता नहीं थी। इसलिए हमारी आजादी का अपहरण हुआ। इसलिए देश में रष्ट्रभक्ति एवं चरित्र की स्थापना के लिए संघ की स्थापना हुई। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक अशोक पांडेय ने जीरापुर के खेजड़िया जोड़ पर आदर्श महाविद्यालय में चल रहे संघ शिक्षा वर्ग के प्रकटोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संघ ने स्थापना के बाद कई कई संघर्ष किये। दमन भी झेले। लेकिन उपेक्षा दमन के बाद भी संघ कार्य में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भागवत भूषण संत प्रेमनारायण गेहूखेड़ी वाले एवं वर्ग के सर्वाधिकारी सुनील पाठक उपस्थित रहे।
मनुष्य गुण, स्वभाव, श्रेष्ठता के आधार पर बड़ा
देश के अनेक मनीषियों ने समाज को समरस करने के कार्य किये। संघ भी समाज में समरसता लाने के लिए सतत कार्य करता है। अनेक मनीषियों ने पूर्व में भी समाज में यह भाव स्थापित किया कि गुण स्वभाव और श्रेष्ठता के आधार पर मनुष्य बड़ा होता है। जन्म और कुल के आधार पर नहीं। इसी के आधार पर संघ भी समाज मे समरसता स्थापित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। पर्यावरण के क्षेत्र में भी संघ कई कार्य कर रहा है। नागरिक अनुशासन, कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास के माध्यम से देश के लोगों को श्रेष्ठ नागरिक बनाने का कार्य भी संघ कर रहा है। साथ ही स्व का बोध कराने के लिए भी निरंतर कार्य जारी है।

वसुधैव कुटुम्बकम का भाव केवल हिन्दू धर्म में हैं। भारत को जानो, भारत को मानो और भारत के बनो। इस दिशा में भी संघ काम कर रहा है।
युवाओं में परिवार भाव जगाना आवश्यक-

संघ के प्रकट उत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूज्य संत प्रेमनारायण गेहूंखेड़ी वाले ने कहा कि हमारे भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है। युवा ही इस देश के भविष्य निमार्ता है। इसलिए युवाओं में परिवार का भाव नितांत आवश्यक है। परिवार भाव एवं कुटुंब प्रबोधन से ही राष्ट्रप्रेम का भाव जागृत होगा। जिससे हमारा भारत पुन: पुन: विश्व गुरु बनेगा। आज के परिवेश में हम देख रहे हैं कि जिस प्रकार परिवार टूट रहे हैं और युवाओं के मन में परिवार भाव कम हो रहा है। वह हम सबके लिए चिंता का विषय है। इसलिए हम सबको परिवार भाव का जागरण करना होगा और कुटुंब प्रबोधन के माध्यम से समाज को जागृत करना होगा।

शिक्षार्थियों ने किया कई विधाओं का प्रदर्शन-

गौरतलब है कि विगत 15 दिन से जिले के जीरापुर के समीप खेजड़िया जोड़ स्थित आदर्श महाविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संघ शिक्षा वर्ग चल रहा था। जिसका प्रकट कार्यक्रम रविवार को आयोजित हुआ। विगत 15 दिन से चल रहे इस वर्ग में 332 शिक्षार्थियों ने भाग लिया। इन शिक्षार्थियों ने विगत 15 दिवस में अनेक प्रकार की विधाओं का शिक्षण प्राप्त किया। यहां आयोजित प्रकट कार्यक्रम में इन्ही विधाओं का प्रदर्शन किया गया। जिनमें शारीरिक के कार्यक्रम-समता के माध्यम से समानता एवं सांघिकता का भाव जगाना। संचलन के माध्यम से एक साथ चलने का भाव जागृत करना।
दंड संचालन दंडयुद्ध, नियुद्ध,पदविन्यास के माध्यम से शारीरिक सिद्धता एवं आत्म विश्वास का भाव जागृत करना । घोष के माध्यम से ऊर्जा का संचार करने हेतु घोष की विविध रचनाओं का प्रदर्शन किया, इसी प्रकार गीत के माध्यम से राष्ट्रभक्ति का भाव जागरण प्रदर्शन के माध्यम से किया गया। प्रकट कार्यक्रम में संघ के लगभग 10 हजार स्वयंसेवक एवं नागरिकगण उपस्थित रहे।