इंदौर जिले में करीब 300 तालाबों के चारों तरफ वृक्षारोपण कर घने लघु वन विकसित किए जाएं

विश्व कल्याण समृद्धि संस्था के अध्यक्ष पत्रकार विकास त्यागी बोले

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर मास्टर प्लान 2041 के लिए कलेक्टर आॅफिस में सामाजिक संस्थाओं की बैठक में मांगे थे सुझाव

ब्रह्मास्त्र इंदौर

इंदौर विकास योजना 2041 को बेहतर जन सुविधाओं से युक्त और जन उपयोगी बनाने के बारे में कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर शहर के विकास से जुड़े संगठनों, संस्थाओं, स्टेट होल्डर आदि की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में इंदौर की विकास योजनाओं के बारे में विस्तृत विचार विमर्श कर सुझाव लिए गए।
बैठक में संयुक्त संचालक नगर एवं ग्राम निवेश शुभाशीष बनर्जी सहित शहर के विकास से जुड़े संगठन इंदौर उत्थान अभियान समिति, अभ्यास मंडल, सेवा सुरभि, विकास विश्व कल्याण समृद्धि संस्था एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के समक्ष अपने सुझाव रखें।

 

विकास विश्व कल्याण समृद्धि संस्था के अध्यक्ष पत्रकार विकास त्यागी ने कहा कि इंदौर जिले में करीब 300 सरकारी तालाब है जिनका सीमांकन एवं गहरीकरण किया जाए। इन सभी तालाबों के आसपास चारों तरफ बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाए एवं जिससे कि तालाबों के आसपास सभी वृक्ष बड़े होकर एक घने लघु जंगल का आकार ले सके। तालाब के आसपास वृक्ष लगाने से वृक्षों को निरंतर पानी मिलता रहेगा, वहीं यह वृक्ष बड़े होकर एक लघु वन का आकार लेंगे एवं तालाब के चारों तरफ तालाब की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा दीवार बाउंड्री वॉल के रूप में भी काम करेंगे।

 

इंदौर में सरस्वती और कान्हा नदी शहर के मध्य से होकर गुजरती है इन नदियों के पानी के वाटर लेवल को मेंटेन करके इन्हें नाव परिवहन एवं यात्री परिवहन के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। अगर शहर की इन दोनों नदियों के में नाव परिवहन शुरू होता है तो पेट्रोल-डीजल की मांग भी कम हो जाएगी। ध्वनि एवं वायु प्रदूषण में कमी आएगी, नाव द्वारा यात्री एवं माल परिवहन प्रारंभ होने से रोड पर ट्रैफिक में कमी आएगी एवं ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी, वहीं लोगों को भी नाव से यात्री परिवहन एवं समान परिवहन रोड परिवहन की तुलना में कम दामों पर उपलब्ध होगा। इंदौर में फुटपाथ के दोनों तरफ वृक्षारोपण करके छायादार फुटपाथ बनाए जाएं जिससे कि लोग छोटी दूरी को छायादार फुटपाथ पर चलकर तय कर सकें एवं उन्हें बार-बार अपने दो पहिया एवं आॅटो रिक्शा का उपयोग न करना पड़े। इससे नागरिकों को न केवल पैसे की बचत होगी, बल्कि वायु प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा एवं प्रतिदिन चलने से नागरिकों को शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा। इंदौर जिले में अनेक शासकीय एवं प्राइवेट विद्यालय कई हेक्टेयर भूमि पर फैले हुए हैं इन विद्यालयों में बड़े स्तर पर वृक्षारोपण करके इनके भीतर लघु वन विकसित किया जाना चाहिए। बड़े शासकीय भवनों की छत पर रूफटॉप गार्डन विकसित किया जाना चाहिए।