देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हटाया जा सकता है कुलगुरु को कार्यपरिषद भी होगी भंग !

 

धारा 52 लगाने के संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री का वीडियो वायरल

इंदौर। एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर का पेपर आउट होने से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरु से लेकर अधिकारियों तक की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पेपर लीक मामले की शिकायत राज्य शासन से लेकर राजभवन तक पहुंच चुकी है, जिसमें पेपर आउट होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करने पर आरोप लगाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बाद रविवार को कांग्रेस ने भी विश्वविद्यालय में धारा-52 लगाने की मांग उठाई है। इसके बाद उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया है, जो एबीवीपी के प्रदर्शन के दौरान दिया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पर मध्य प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम-1973 की धारा 52 लगाने का प्रयास करेंगे। यदि धारा 52 लगती है तो कुलगुरु को हटा दिया जाएगा तथा पूरी कार्यपरिषद भंग हो जाएगी।
आरजीपीवी के पूर्व कार्यपरिषद सदस्य व कांग्रेस नेता अजय चौरडिया ने राजभवन और उच्च शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि 21 मई से एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई है, जिसमें पेपर आउट होने से लेकर पाठ्यक्रम के बाहर से प्रश्न पूछे जाने जैसी गड़बड़ी सामने आई है।

15 घंटे पहले लीक हो रहे पेपर

परीक्षा शुरू होने के 15 घंटे पहले विद्यार्थियों तक पेपर पहुंच गए। अब विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि अभी तक जिम्मेदारों को पद से नहीं हटाया है। यहां तक कि समिति की जांच भी धीमी चल रही है। इसके बाद मंत्री परमार का बयान वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा हम धारा 52 लगाने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि शिक्षा के मंदिरों पर किसी भी तरह के संदेह की कोई गुंजाइश न रहे। हम पारदर्शी व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं।