भई भोत मच्छर काटी रिया है,पावडर हीज लखई देता

रामघाट पर यात्रियों को न छांव मिली न ही सांची के टेंकर का ठंडा पानी

उज्जैन। मंगलवार को रामघाट रात्रि विश्राम के लिए पहुंचे पंचक्रोशी यात्री तराना तहसील के लोद गा्रम निवासी अमृतलाल का कहना था कि भई नद्दी किनारे भोत मच्छर काटी  रिया है पावडर हीज लखई देता तो सुई जाता। पंचक्रोशी यात्रियों को यहां न तो छांव के लिए व्यवस्था की गई थी और न ही पीने के ठंडे पानी की ही। इसके बाद भी आस्था में डूबे यात्री धर्म की यात्रा में भजन के गोते लगाते रहे।

मंगलवार को पंचक्रोशी यात्रियों का नगर प्रवेश हुआ था। रात्रि विश्राम हजारों यात्रियों ने रामघाट पर किया। इनमें अधिकांश महिलाएं ही थी जो अपने जत्थों के साथ धर्म की गंगा में डूबी हुई देखी गई। अधिकांश जत्थों ने थोडा बहुत विश्राम किया और उसके बाद रात्रि में उनके भजनों का क्रम शुरू हो गया था। यह क्रम सतत रूप से जारी देखा जा रहा था। ग्रामीण महिलाएं एक भजन पूर्ण करती और दुसरा शुरू हो जाता । जत्थों में शामिल पुरूष सदस्य अपने साथ लाए मंजीरे बजाने लगते और सभी भाव विभोर होकर भजन गाते । इस दौरान बीच –बीच में कुछ युवा महिलाएं उठकर भगवान शिव के भजनों पर नाचने लग जाती और फिर बैठ कर भजन करने लगती।

पूरे घाट पर छाव का साधन नहीं-

पंचक्रोशी यात्रियों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्ध कृषकों ने सेवा के लिए अपने ट्यूब वेल 48 घंटे निरंतर चलाए । इसके साथ ही खलिहानों में छाव की व्यवस्थाएं भी की गई। यहां तक की आटा और दाल के साथ मसालों के पैकेट भी बाटे। मंगलवार को उज्जैन पहुंचे यात्रियों को रामघाट रात्रि विश्राम स्थल पर न तो छाव के लिए टेंट ही लगा मिला और न ही उन्हें ठंडे पानी ही नहीं सामान्य पेयजल का ही कोई साधन ही मिला। घाट पर गंदगी साफ तौर पर देखी जा रही थी। यात्रियों ने अपने साथ लाई दरी नूमा पल्ली से ही उसे साफ किया और उसे ही बिछाकर आराम करने लगे।

आमजन ने की सेवा-

धर्म की यात्रा कर रहे पंचक्रोशी यात्रियों की रामघाट पर रात में भी सेवा करने कई सेवा भावी पहुंचे थे। कुछ शहरी युवाओं ने यात्रियों को आईस्क्रीम बाटी तो कुछ ने अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया। सेवा के लिए कुछ महिला संगठन भी पहुंचे थे। यात्रियों का जज्बा और सहजता देखते ही बनती थी। रतलाम जिले से यात्रा पर 3 री बार आई गीता बाई पति राधेश्याम 56 वर्ष घर से धनाढय थी। उनके जत्थे में 5 महिलाएं 1 बच्चा और एक युवक शामिल था। वे 150 बीघा जमीन की मालकिन होने के बाद भी दान में मिल रही खाद्य सामग्री को सहजता से ग्रहण कर सेवा भावियों को दुआ दे रही थी। ऐसे ही अन्य कई ग्रामीण भी यात्रा में शामिल थे जो विरक्त भाव से धर्म की यात्रा में रमें हुए थे।

घाट के साथ नदी में भी गंदगी-

घाट पर साफ सफाई के अभाव को देखा जा रहा था तो नदी में किनारों पर कचरा और गंदगी भी बराबर देखी जा रही थी। अवंतिका प्रतिनिधि की उपस्थिति में ही नदी से गंदगी निकालने के लिए कर्मी पहुंचे थे। वाकी टाकी सेट लिए कर्मी अन्य सफाई कर्मियों को बुलाकर नदी में देर रात सफाई करवाते देखे गए।

सीएसपी ने लिया जायजा-

मंगलवार देर रात महाकाल सीएसपी ओपी मिश्रा घाट पर पहुंचे और उन्होंने व्यवस्था और सुरक्षा का जायजा लेते हुए राणौजी की छत्री स्थित पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने यात्रियों के बीच वाहन लेकर जाने वाले शहरी युवाओं के लिए सख्त हिदायत दी थी कि बेरिकेटस लगे होने के बाद दो पहिया वाहन यात्रियों के विश्राम स्थली की और किसी हाल में नहीं आने दिए जाएं।