सीएम हेल्पलाइन में भी नहीं होता है शिकायतों का निराकरण.. उज्जैन की ही कई शिकायतें लंबे समय से पड़ी है लंबित…

अब चुनाव के बाद समस्याओं का निराकरण की बंधी है उम्मीद

उज्जैन। यूं भले ही यह दावा किया जाता हो कि कहीं आपकी समस्या का निराकरण हो या न हो लेकिन सीएम हेल्पलाइन में जरूर आपकी सुनवाई हो जाती है और वह भी बहुत जल्दी। लेकिन जो जानकारी सामने आ रही है उसमे यह पता लगा है कि प्रदेश के विभिन्न शहरों के साथ ही उज्जैन की भी कई शिकायतें ऐसी है जो लंबे समय से सीएम हेल्पलाइन में पेडिंग पड़ी हुई है। हालांकि जिम्मेदार अफसरों का यह कहना है कि अभी सभी लोकसभा चुनाव में व्यस्तताएं है इसलिए उम्मीद बंधी है कि चुनाव के बाद पेडिंग समस्याओं का निराकरण जरूर हो जाएगा।

उज्जैन में भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर

बता दें कि उज्जैन के स्मार्ट सिटी ऑफिस में भी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है जहां सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की सुनवाई और उनका समाधान किया जाता है लेकिन बताया जा रहा है कि यही पर भी शिकायतों का समाधान होने में लंबा समय बीत गया है। फिर भोपाल स्थित हेल्पलाइन की तो बात ही क्या करें।
पांच हजार से अधिक शिकायतें पेंडिंग

जानकारी मिली है कि सीएम हेल्पलाइन में उज्जैन जिले की करीब पांच हजार से अधिक शिकायतें पेडिंग पड़ी हुई है। जिनका निराकरण करने की तरफ संबंधित विभागीय अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। हालांकि अब लोकसभा चुनाव का बहाना बनाया जाकर शिकायतों की तरफ ध्यान नहीं होने की बात हो रही है।
इनकी सबसे अधिक शिकायतें

प्राप्त जानकारी के अनुसार उज्जैन से सीएम हेल्पलाइन में सबसे अधिक शिकायतें यदि है तो इनमें पेयजल समस्या, भवन निर्माण अनुज्ञा, साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था, पेंशन, सीवेज आदि प्रमुख है। सीएम हेल्पलाइन पर महाकालेश्वर मंदिर से जुड़ी  शिकायतें भी  लंबित हैं। सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों का निपटारा करने के लिए सरकार ने सभी विभागों को सख्त निर्देश दे रखा है। जनता से जुड़ी शिकायतों और उनकी समस्याओं का निराकरण करने सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायतें संबंधित विभाग को भेजी जाती है। चाहे नामांतरण का मामला हो या अवैध उत्खनन का। स्कूल में एडमिशन नहीं मिला हो या पर्यावरण अनुमति, मरीजों का समय पर इलाज नहीं करने वाले डॉक्टरों और अस्पतालों की व्यवस्था को लेकर शिकायत करने पर भी अफसर लापरवाह बने हुए हैं। बिजली की समस्या, ट्रांसफार्मर नहीं लगाने और शहरों में लोगों को पूरा पैसा जमा करने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलने जैसी शिकायत करने पर भी कुछ नहीं हो रहा। अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति नहीं मिलने की शिकायतों को तो अफसरों ने अटेंड तक नहीं किया। गौरतलब है कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण के लिए हर माह समीक्षा और ग्रेडिंग होती है। इसके बावजूद विभाग बड़ी समस्याओं को दरकिनार कर देते हैं। इसी का परिणाम है कि शिकायतें अधर में लटकी हुई हैं।