A ++ के लिए शासन और यूनिवर्सिटी में एनओसी के लिए किया आवेदन

 

ऑटोनामस होलकर कॉलेज अब बनेगा डीम्ड यूनिवर्सिटी

 

इंदौर । ऑटोनामस दर्जा प्राप्त प्रतिष्ठित गवर्नमेंट होलकर साइंस कॉलेज ने अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिएशन काउंसिल यानी नेक द्वारा इंदौर व प्रदेश के पहले गवर्नमेंट ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त होलकर कॉलेज ने डीम्ड यूनिवर्सिटी के लिए कॉलेज ने राज्य सरकार और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी इंदौर में नो ऑब्जेक्शन
सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है।
अगर होलकर कॉलेज को यह दर्जा मिलता है तो वह इंदौर की पहली डीम्ड यूनिवर्सिटी होगी। होलकर साइंस कॉलेज को नेक द्वारा इस साल फरवरी में ए प्लस प्लस ग्रेड मिली है। यह ग्रेड प्राप्त करने वाला वह प्रदेश का पहला गवर्नमेंट और नेक से प्राप्त 3.64 स्कैल मार्क्स के हिसाब से देश का आठवां प्राइवेट/ऑटोनामस कॉलेज हैं। होल्कर कॉलेज में वर्तमान में सुविधाएं उपलब्ध है, उस आधार पर उसे डीम्ड यूनिवर्सिटी बनने में कोई परेशानी नहीं है।

मध्यप्रदेश में मात्र तीन डीम्ड यूनिवर्सिटी —

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 20 अप्रैल 2024 तक देश में कुल डीम्ड यूनिवर्सिटीज की संख्या 129 है लेकिन मध्यप्रदेश में अभी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा केवल तीन संस्थानों के पास है।
इसमें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फॉरेन मैनेजमेंट (आईआईएफएम) भोपाल, लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन ग्वालियर और माधव इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड साइंस ग्वालियर शामिल है। इंदौर में अब तक कोई भी डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी नहीं हैं, जबकि यह प्रदेश व मध्य भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब है।
एसजीएसआईटीएस पिछले काफी समय से डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने को कोशिश कर रहा है लेकिन अब तक इसे यह नहीं मिला है।

ये होगा फायदा —

डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी की मंजूरी मिलने के बाद संस्थान कोर्स, सिलेबस, फीस, खुद तय करता है। प्राइवेट और डीम्ड दोनों ही यूनिवर्सिटीज हर तरह की पढ़ाई के लिए स्वतंत्र हैं। उन्हें कोर्स के हिसाब से उन्हें रेगुलेटरी अथॉरिटी से मंजूरी लेनी होती है। यानी होल्कर कॉलेज अगर साइंस के अतिरिक्त कामर्स, आर्ट्स, लॉ, मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाना चाहे तो वह करवा सकता है।