April 27, 2024

ब्रह्मास्त्र उज्जैन

रंगपंचमी जैसा त्योहार 30 मार्च को मनाया जाएगा वहीं अभी मुस्लिम समाज के रोजे भी चल रहे हैं। इसके अलावा लोकसभा चुनाव होने के कारण आचार संहिता भी लागू है। लिहाजा शहर की पुलिस चौराहों और प्रमुख मार्गों पर न केवल नजर आ रही है। वहीं पैनी नजर भी रखे हुए हैं ताकि किसी शहर में शांति सुरक्षा और कानून व्यवस्था कायम रहे।

हालांकि यह भी देखने में आ रहा है कि भले ही शहर की पुलिस की पैनी नजर हो लेकिन बावजूद इसके पुलिस जवानों को देखकर गली-मोहल्लों से कल्टी मारने वालों की भी कमी नहीं है। दरअसल कल्टी मारने वाले वे लोग है जो दो पहिया वाहनों पर तीन सवारी बैठाकर राह गुजरते है या फिर बगैर कागजात के वाहन दौड़ाने से गुरेज नहीं करते। शहर की पुलिस एक्टिव दिखाई दे रही है। हालांकि पुलिस को धता बताने वालों की भी कमी नहीं है क्योंकि कानून तोड़ने वाले कतिपय या तो पुलिस जवानों से उलझते दिखाई देते हैं तो कभी किसी को फोन लगाकर अपना पावर भी दिखाने से गुरेज नहीं करते हैं। इसके अलावा चौराहे पर पुलिस जवानों को खड़े देखकर कई दो पहिया वाहन चालक आस-पास की गलियों से कल्टी भी मार जाते हैं या फिर उलटे पैर लौटते हुए दिखाई देते हैं। वैसे यूं देखा जाए तो शहर के चौराहे पुलिस जवानों से रीते ही दिखाई देते हैं लेकिन विशेष त्योहारों के मौके पर पुलिस एक्टिव हो जाती है। हालांकि अभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगी हुई हैं, वहीं होली और रंगपंचमी जैसे त्योहार भी होने के कारण शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की बहुत अधिक है लिहाजा पुलिस जवान प्रमुख मार्गों के साथ ही चौराहों पर खड़े हुए हैं वहीं यातायात नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ भी चालानी कार्रवाई हो रही है। यहां लिखने में बिल्कुल भी गुरेज नहीं है कि हमारे शहर उज्जैन में दो पहिया वाहनों पर तीन सवारियां बैठाने की आदत सी है लेकिन बावजूद इसके यातायात पुलिस की कार्रवाई होती नहीं है, क्योंकि अक्सर यह देखा जाता है कि चौराहों पर से यातायात पुलिस के जवान नदारद ही रहते हैं।

शहर में पांच दिवसीय रंगोत्सव की शुरूआत
हालांकि अभी त्योहार और लोकसभा चुनाव की आचार संहिता होने के कारण पुलिस सख्त अंदाज में दिखाई दे रही है। इधर होली-धुलंडी के त्योहार के साथ ही शहर में पांच दिवसीय रंगोत्सव की शुरूआत हो गई है। धुलंडी के अवसर पर तो भागसीपुरा और सिंहपुरी जैसे पुराने मोहल्लों से गेर निकालने की परंपरा को कायम रखा ही गया। वहीं रंगपंचमी पर भी इन दोनों मोहल्लों से परंपरागत गेर निकाली जाएगी। इसके साथ ही रंगपंचमी के बाद से ही गुड़ी पड़वा तक विभिन्न क्षेत्रों से गेर निकाली जाएगी और इस अवसर पर मनोहारी झांकियां भी सजेगी। चल समारोह को देखने के लिए भी मार्गों पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि सिंहपुरी और भागसीपुरा आदि क्षेत्रों से परंपरागत गेर चल समारोह के आयोजन होते हैं।