April 28, 2024
दैनिक अवन्तिका ब्रह्मास्त्र उज्जैन
उज्जैन। प्राइवेट अस्पताल में अगर किसी मरीज की उपचार के दौरान मौत हो जाती है और ऐसे में उसका अस्पताल का बिल बकाया होगा तो अब बिल का भुगतान नहीं होने पर भी प्राइवेट अस्पताल वाले शव को नहीं रोक सकेंगे। उन्हें शव को परिजनों के सुपुर्द करना होगा। साथ ही शव को निःशुल्क उनके निवास तक पहुंचाना भी होगा। ओर अगर किसी प्राइवेट अस्पताल ने बिल भुगतान नहीं होने पर शव को रोकने की कोशिश की तो संबंधित अस्पताल के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा यह सराहनीय पहल की गई है
स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त सहसचिव डॉ. सुदाम खाड़े ने नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र जारी कर आदेश दिए हैं और प्राइवेट अस्पतालों के संचालकों को भी एनएचएस पोर्टल पर पंजीबद्ध ई-मेल व आईडी के माध्यम से इसकी सूचना भेजी गई है।
इसमें उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय मानव अधिकारी आयोग ने शवों के परिवहन व संरक्षण के संबंध में प्रतिवेदित कमियों के बारे में संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए हैं कि निजी अस्पतालों में उपचाररत मरीज की मौत होने तथा लावारिस शवों के संरक्षण के लिए यह आवश्यक है कि निजी अस्पताल में उपचाररत मरीज की मौत होने पर परिजनों द्वारा शव प्राप्त नहीं करने तक तथा शव की गरिमामयी एवं आवश्यकता अनुसार शीत-संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
निजी अस्पताल में मरीज की मौत होने पर परिवार की आवश्यकतानुसार शव के परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था स्थानीय नगरीय निकाय से करना होगी। चिकित्सकीय देयकों के भुगतान के अभाव में मृतक के शव को बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने पर विभाग की ओर से संबंधित अस्पताल के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।