रतलाम रेल मण्डल में अफसरों की मनमानी–

उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधुनिक और तेज रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उज्जैन, नागदा सहित कई रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प का वर्चुअल शिलान्यास एस एवं उद्घाटन किया गया। पीएम मोदी ने तो देश-प्रदेश और रेलवे के विकास में बहुत बड़ी सौगात दी, लेकिन इसको कार्य रूप देने वाले नौकरशाहों ने आम लोगों के हित का ध्यान नहीं रखा।

आम उपभोक्ता पर ध्यान नही

पुनर्निर्माण की इस योजना में पश्चिम रेलवे के अधिकारियों ने आम उपभोक्ता को नजरअंदाज कर अपनी योजना को अंजाम दिया है। आम रेलवे उपभोक्ता को आने वाली समस्या और उसके आवागमन एवं बहिर्गमन को अधिकारियों ने इस अत्याधुनिकता में सिरे से ही नजरअंदाज कर दिया है।हालिया स्थिति में श्री महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन आने वाले आम यात्री को जो परेशानी हो रही है, उसे योजना में कहीं स्थान नहीं दिख रहा है। अधिकारियों की पुनर्स्थापन योजना हाईलेबल के उच्च शिक्षित लोगों के लिए ही मानो बनाई जा रही है।

मोदी जी की मंशा के विपरीत अफसरों की कार्यप्रणाली

प्रधानमंत्री श्री मोदी आम आदमी के लिए इसे सुसज्जित करने का मन रखते हैं और अधिकारी उसे हाई लेबल की योजना बना रहे हैं, जो आम आदमी की समझ से ही परे जा रही है। पश्चिम रेलवे के 66 रेलवे स्टेशनों का अमृत रेलवे स्टेशनों के रूप में पुनर्विकास का शिलान्यास किया है। इसमें रतलाम मण्डल के 11 स्टेशन नागदा, खाचरौद, उज्जैन सहित अन्य स्टेशनों का पुनर्विकास किया जायेगा। इसमें आम रेलवे उपभोक्ता की समझ के अनुसार उज्जैन के लिए बनाई गई योजना में अधिकारियों की मनमानी और उच्च वर्ग के फायदे की सोच दिखाई दे रही है।