रामचरित मानस की इन 24 चौपाइयों में छुपा जीवन के हर संकट का समाधान

 विपत्ति के समय लोग अपने आराध्य देव को याद करते हैं। आराध्य देव का नाम लेने के अलावा कई ऐसे मंत्र हैं, जो इंसान को किसी भी तरह के संकट से उबारने में मददगार साबित हो सकते हैं। यदि आपको भी किसी तरह का संकट या चिंता सता रही है, तो आप राम चरित मानस की चौपाइयों का सहारा ले सकते हैं। रामचरितमानस का पाठ करने से जन्म जन्मांतरों के पाप से मुक्ति, भय, रोग आदि सभी दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि रामचरितमानस की चौपाइयां इतनी प्रभावशाली हैं कि इसके पाठ मात्र से धन की कामना रखने वाले को धन की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं उन चमत्कारी चौपाइयों व उनके प्रभाव के बारे में विस्‍तार से।
1– परीक्षा में सफलता के लिए रामायण चौपाई
जेहि पर कृपा करहिं जनुजानी। कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।

मोरि सुधारहिं सो सब भांती। जासु कृपा नहिं कृपा अघाती।।

2- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई

जिमि सरिता सागर मंहु जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।।
तिमि सुख संपत्ति बिनहि बोलाएं। धर्मशील पहिं जहि सुभाएं।।

3- रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति के लिये रामायण चौपाई

साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहि सिद्धि अनिमादिक पाएं।।

4- प्रेम वृद्धि के लिए रामायण चौपाई

सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।।

5- धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई

जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं। सुख सम्पत्ति नानाविधि पावहिं।।

6- सुख प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई

सुनहि विमुक्त बिरत अरू विबई। लहहि भगति गति संपति नई।।

7- विद्या प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई

गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अलपकाल विद्या सब आई।।

8- शास्त्रार्थ में विजय पाने के लिए रामायण चौपाई

तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।।

9- ज्ञान प्राप्ति के लिए रामचरितमानस चौपाई

तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा। आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।।

10- विपत्ति में सफलता के लिए रामायण चौपाई

राजिव नयन धरैधनु सायक। भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।।

11- पुत्र प्राप्ति के लिए रामायण चौपाई

प्रेम मगन कौशल्या निसिदिन जात न जान। सुत सनेह बस माता बाल चरित कर गान।।

12- दरिद्रता दूर करने के लिए रामचरितमानस चौपाई

अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद धन दारिद्र दवारिके।।

13- अकाल मृत्यु से बचने के लिए रामचरितमानस चौपाई

नाम पाहरू दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट। लोचन निज पद जंत्रित प्रान केहि बात।।

14- रोगों से बचने के लिए

दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम काज नहिं काहुहिं व्यापा।।

15- जहर को खत्म करने के लिए

नाम प्रभाऊ जान सिव नीको। कालकूट फलु दीन्ह अमी को।।

16- खोई हुई वास्तु वापस पाने के लिए

गई बहारे गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।

17- शत्रु को मित्र बनाने के लिए

वयरू न कर काहू सन कोई। रामप्रताप विषमता खोई।।

18- भूत प्रेत के डर को भगाने के लिए

प्रनवउ पवन कुमार खल बन पावक ग्यान धुन। जासु हृदय आगार बसहि राम सर चाप घर।।

19- ईश्वर से माफ़ी मांगने के लिए

अनुचित बहुत कहेउं अग्याता। छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।।

20- सफल यात्रा के लिए

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा। हृदय राखि कौशलपुर राजा।।

21- वर्षा की कामना की पूर्ति के लिए

सोइ जल अनल अनिल संघाता। होइ जलद जग जीवनदाता।।

22- मुकदमा में विजय पाने के लिए

पवन तनय बल पवन समाना। बुधि विवके बिग्यान निधाना।।

23- प्रसिद्धि पाने के लिए

साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।।

24- विवाह के लिए

तब जनक पाइ बसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै। मांडवी श्रुतिकीरित उरमिला कुंअरि लई हंकारि कै।।