पटवारी के निशाने पर करीब 25 से 30 जिलाध्यक्ष

भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस लिया है। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने संगठन को मजबूत और दुरूस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए विधानसभा चुनाव को आधार बनाया गया है। यानी जिन क्षेत्रों में कांग्रेस को हार मिली है और वहां के जिलाध्यक्षों की परफॉर्मेंस खराब रही है और जिनके खिलाफ शिकायतें मिली है, उनको हटाने की तैयारी हो रही है। जानकारों का कहना है कि करीब 25 से 30 जिलाध्यक्ष पटवारी के निशाने पर हैं। जल्द ही इन जिलाध्यक्षों को हटाकर मेहनती और सक्रिय कार्यकर्ताओं को जिलों की कमान सौंपी जाएगी। लोकसभा चुनाव की तैयारी राजनीतिक संगठनों ने संगठन स्तर पर शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस में सर्जरी शुरू हो गई है। प्रदेश कार्यकारिणी को भंग करने के बाद नेतृत्व जिला अध्यक्षों को फिलहाल पूर्व के अनुसार कार्य करने के निर्देश दिये हैं। मप्र कांग्रेस में व्यापक बदलाव किया जा रहा है। प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसके संकेत दे दिए हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिन पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं है उन्हें बदला जा सकता है।

बताया जाता है कि करीब 25 से 30 जिलाध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष के निशाने पर हैं। इनकी जगह पार्टी परिणाम देने वाले और मेहनती कार्यकर्ताओं को मौका देगी। पीसीसी के सूत्रों के अनुसार आधे जिलों के कांग्रेस अध्यक्षों को बदला जा सकता है। इनमें निष्क्रिय जिलाध्यक्षों के साथ ही ऐसे जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं, जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ गड़बड़ी की। ऐसे कांग्रेस नेताओं की छुट्टी तय है। दरअसल प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कांग्रेस सक्रिय हो चुकी है। प्रदेश नेतृत्व के तेवरों को देखते हुए तय माना जा रहा है कि प्रदेश संगठन का कायाकल्प करने के बाद जिला स्तर पर बदलाव किया जाएगा। यह परिवर्तन कार्यकर्ताओं को हार के सदमे से उबारने के लिए अवश्यंभावी माना जा रहा है, ताकि नए जोश और उत्साह के साथ लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ कार्यकर्ता मोर्चा संभाल सके। कांग्रेस के निष्क्रिय जिलाध्यक्षों की छुट्टी होगी। पीसीसी सूत्रों के मुताबिक करीब 25 से 30 जिलों के अध्यक्षों को बदला जा सकता है। इनमें विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी करने वाले जिलाध्यक्ष भी हैं। लोकसभा चुनाव को देखते हुए बूथ से लेकर ब्लॉक और जिलास्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारियों तथा सह प्रभारियों के हाथ में दी जाएगी। पीसीसी ने भाजपा के साथ गलबहियां डाल रहे कांग्रेस नेताओं की जानकारी भी मंगाई है। ऐसे नेताओं पर लगाम लगाई जाएगी। वहीं मिशन 2024 पर काम कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अब संगठन में कसावट लाने में जुटे हैं। संगठन में कसावट के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। इसी को देखते हुए सख्त फैसले भी लिए जा रहे हैं। सक्रिय नेताओं को वरीयता दी जाएगी।

कांग्रेस बड़ी सर्जरी की तैयारी में
विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई के बाद अब प्रदेश कांग्रेस बड़ी सर्जरी की तैयारी में जुट गई है। पार्टी ऐसे जिलाध्यक्षों को हटाने का मन बना चुकी है, जिनकी संगठन में पकड़ कमजोर मिली है। ऐसे करीब दो दर्जन से अधिक जिलाध्यक्ष बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही कई ब्लॉक अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। साथ ही विधानसभा चुनाव के पहले बनाए गए चार नए जिलों में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी करेगी। भाजपा इन जिलों में अपने जिलाध्यक्षों की घोषणा कर चुकी है। दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को लेकर बड़े स्तर पर शिकायत पार्टी को मिली थी। बैठकों में प्रत्याशियों ने हार के लिए खुलकर संगठन और भितरघात को बड़ा कारण बताया था। कई जिले तो ऐसे थे, जहां पार्टी का खाता ही नहीं खुल सका। शिकायतों के बाद पार्टी ने भितरघात करने वाले और प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोकने वालों को तो बाहर का रास्ता दिखा दिया, अब संगठन में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों की माने तो जिन जिलों में अध्यक्षों को हटाया जाना है, उनकी सूची बन गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी की सहमति के बाद नामों की घोषणा की जा सकती है।