सफाई कार्य में लगा रखे किराए के कर्मचारी

सुसनेर। नगर परिषद के द्वारा नगर सफाई के नियुक्त कर्मचारियों को लेकर वर्षो से चल रही एवजी यानि किराए के कर्मचारी की व्यवस्था सामने आ गई। वर्षो से चली आ रही किराए के कर्मचारियों की यह व्यवस्था जनप्रतिनिधी एवं अधिकारियों की मौजूदगी में सामने आई। इसके तहत आधा दर्जन से भी अधिक कर्मचारी एवजी के रूप में कार्य करते पाए गए तो वहीं सफाई व्यवस्था में लगे कर्मचारी कचरा वाहन के डायवर के रूप में कार्य करने की बात सामने आई। इसके बाद नगर परिषद सीएमओं ओ.पी.नागर ने किराए के कर्मचारियों को काम पर नहीं आने की बात कही। किंतु सवाल यह है कि लंबे समय से चल रही इस व्यवस्था को अधिकारी देख भी अनदेखा क्यो करते आ रहे थे। आखिर अभी तक इसको लेकर कदम क्यो नहीं उठाया गया। नगर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था को लेकर चल रही नाराजगी के बीच दोपहर 2 बजे परिषद के कुछ पार्षद कार्यालय पहुंचे, यहां नगर परिषद सीएमओं एवं स्वच्छता प्रभारी अखलाख खॉन को बुलाया तथा कर्मचारी की उपस्थिति दर्ज करने की कहां गया। जिसके बाद सामने आया कि नगर परिषद के द्वारा नियुक्त आधा दर्जन से भी अधिक कर्मचारी अनुपस्थित थे उनकी जगह किराए के कर्मचारी काम के लिए पहुंचे थे। अनुपस्थित कर्मचारी को अब नोटिस जारी करने की बात कहीं जा रही है, किंतु अनुपस्थित कर्मचारियों के द्वारा किराए के कर्मचारी रखे जाने को लेकर कड़ी कार्रवाई होगी यह देखने वाली बात होगी। इस अवसर पर ंपार्षद प्रदीप सोनी,इबादउल्लाह खॉन,नईम अहमद मेव,राकेश कानुडिया,पार्षद प्रतिनिधी युगल किशोर परमार, पवन शर्मा,सांसद प्रतिनिधी मुकेश हरदेनियां आदि मौजूद थें।
लंबे समय से चल रही है यह प्रथा
नगर परिषद में लंबे समय से एवजी की प्रथा लंबे समय से चल रही है। इसको लेकर कई बार शिकायते भी हुई किंतु इसको लेकर कभी भी अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। सफाईकर्मी की हाजिरी स्वच्छता निरीक्षक के द्वारा रजिस्टर में दर्ज की जाती है। यहां स्वास्थ्य निरीक्षक पर भी सवाल उठ रहा है कि उनके द्वारा किस तरह से हाजिरी की जांच की जा रही थी।
अफसरों को पता है कर्मचािरयों का खेल
नगर परिषद के अधिकारियों को नगर परिषद में चल रहे इस खेल के संबंध में जानकारी थी। नगर परिषद सीएमओं ओ.पी.नागर से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहां कि सभी नगर परिषदों में एवजी का काम चल रहा है। नगर परिषद सीएमओं का यह कहना कि सभी जगह एवजी की प्रथा चल रही है इसको लेकर उनकी सहमति बताती है।
हमेंशा स्वच्छता की रेकिंग में सबसे नीचे रहा सुसनेर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वच्छता को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। नगर परिषद सुसनेर में भी स्वच्छता को लेकर लाखों रूपए खर्च किए है किंतु इसके बाद भी अभी तक स्वच्छता की रेकिंग में सुसनेर हमेंशा सबसे नीचे पायदान पर रही है। कुछ समय पर स्वच्छता अभियान के तहत ई-रिक्शा की खरीदी में अनिमित्ता सामने आ चूकी है।