25 जनवरी को पौष पूर्णिमा

इस बार 25 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने की परंपरा है। साथ ही इस दिन गीत, तपस्या और दान जैसे शुभ कार्य किए जाते हैं। पूर्णिमा तिथि पर भक्त गंगा सहित पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। साथ ही संसार के रचयिता भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पूर्व जन्म में किए गए पाप भी नष्ट हो जाते हैं। पौष पूर्णिमा पर 7 अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं, जिनमें दुर्लभ  गुरु पुष्य योग भी शामिल है। इन योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। पंचांग के अनुसार, पौष पूर्णिमा तिथि 24 जनवरी को रात 9.49 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 25 जनवरी को रात 11.23 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। इसलिए पौष पूर्णिमा 25 जनवरी को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, सबसे पहले पौष पूर्णिमा पर प्रीति योग बन रहा है है। यह योग सुबह 7:32 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 26 जनवरी को सुबह 7:42 बजे समाप्त होगा। साथ ही पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। रवि योग इस दिन सुबह 7 बजकर 13 मिनट से 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

दुर्लभ गुरु पुष्य योग

पौष पूर्णिमा पर सुबह 8 बजकर 16 मिनट से दुर्लभ गुरु पुष्य योग बनेगा। यह अगले दिन 26 जनवरी को प्रातः 07:12 बजे समाप्त होगा। इसी समय अमृत सिद्धि योग भी रहेगा। यह अगले दिन 26 जनवरी की सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। साथ ही पौष पूर्णिमा पर बव करण का निर्माण सुबह 11 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके बाद बालव करण योग बनेगा।