शहर के खाली प्लाट रहवासी क्षेत्र की बिगाड रहे सुंदरता

सारंगपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग सुधारने के प्रयासों को शहर में जगह-जगह खाली पडे प्लाट पलीता लगा रहे हैं। ज्यादातर खाली प्लाट के मालिक शहर के वे धन्नासेठ हैं, जिनके पास मकानों की कमी नहीं है और जमा पूंजी को दोगुना चारगुना करने की मशक्कत में उन्होंने प्लॉट खरीदकर छोड दिए हैं। नियमानुसार खाली प्लॉट में बाउंड्री कराकर उनके मेंटीनेंस की जिम्मेदारी भी प्लाट मालिकों की है, लेकिन नगरपालिका की अनदेखी का फायदा उठाकर शहर के प्लॉट मालिक मनमानी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि शहर सहित आसपास के अंचल में भी खाली प्लाट नगरीय निकाय क्षेत्रों की सुंदरता को पलीता लगा रहे हैं। बीते स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि सारंगपुर ने घरों से निकलने वाले कचरे का निस्तारण बखूबी किया है। लेकिन बाहरी आवरण स्वच्छ नहीं है। खासकर वार्ड 16 के सुदर्शन नगर कॉलोनियों में खाली पडे प्लॉट जिस तरह शहर के सौंदर्गीकरण की दुर्गति कर रहे हैं, उसे देखते हुए नगरपालिका को सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। बता दें कि शहर के कई कालोनी में प्लॉट खाली पडे हैं। प्लाट के असली मालिक इनके रख रखाव को सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं। वहीं खाली प्लाट के आसपास रहने वाले लोगों ने इन्हें कचराघर में तब्दील कर दिया है। कॉलोनी जाने वाले मार्ग पर कई प्लॉटों में कचरा फेंका जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि वार्ड 16 की कालोनियों की सुंदरता को बिगाडने के बावजूद खाली प्लॉट के आसपास रहने वाले लोग स्वयं इन्हें देखकर अनदेखा कर देते हैं। जबकि प्लॉट में पडी गंदगी उनकी कॉलोनियों की सुंदरता को बिगाड रही है, बावजूद इसके जिम्मेदार विभाग द्वारा नजर अंदाज कर दिया जाता है।
नोटिस देकर कार्रवाई कर सकती है नगरपालिका
खाली प्लाट को लेकर नगरपालिका के पास अधिकार है कि वह खाली प्लॉट मालिकों को नोटिस जारी करे और उनसे जुमार्ना भी वसूले। नतीजा शहर स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड जाता है और तोहमत नागरिकों को दी जाती है। जबकि असल में जिम्मेदार खाली पडे प्लाटों के मालिक हैं।
कचरा गाडियों का शत- प्रतिशत उपयोग नहीं
नगरीय निकाय विभाग द्वारा शहर में कचरा कलेक्शन के लिए घर-घर गाडियां भेजी जा रही हैं। नगरपालिका ने शहर के सभी वार्डों में गाडियां भेजना सुनिश्चित की हैं। रोजाना सुबह 7 बजे से कचरा गाडियां लोगों के घरों के बाहर दस्तक दे रही हैं। लेकिन चिंता की बात यह है कि कई सुदर्शन नगर सहित अनेक कॉलोनियों में इन गाडियों का शत-प्रतिशत उपयोग नहीं हो रहा है। बता दे की लोगों द्वारा गलियों के बाहर कचरा फेंक दिया जाता है तो वही दूसरी और नजदीक ही खाली प्लॉट को अपना कचरा घर बना लिया जाता है। कुल मिलाकर अनदेखी और लापरवाही का खामियाजा शहर की सुंदरता को भुगतना पडता है। बाहर से आने वाले लोग भी स्वच्छता से जुडे प्रयासों में शहर की नगरपालिका को पीछे समझते हैं। जबकि नगरपालिका द्वारा बीते कुछ सालों में जागरुकता अभियान के साथ-साथ धरातल पर भी प्रयास किए थे।
नोटिस देंगे
शहर की कालोनियां में जो खाली प्लाट पडे है उनके मालिकों को नोटिस देंगे। नागरिकों से अपील है कि सभी भी ध्यान रखना चाहिए की कचरा डालने का उपयोग कचरा गाडी में करना चाहिए, खाली प्लाट की गंदगी करने में रहवासियों की मनमानी हो रही है।
एलएस डोडिया, सीएमओ, नपा सारंगपुर।