आगामी सिंहस्थ को देखते हुए ट्रेफिक एवं मंदिर दर्शन का प्लान तैयार करें-मुख्यमंत्रीडा. मोहन यादव ने अधिकारियों को कहा

दैनिक अवन्तिका  उज्जैन । शनिवार को दोपहर गृह नगर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने यहां अधिकारियों को कहा कि2028 के सिंहस्थ को देखते हुए शहर की सड़कों का एवं ट्रैफिक व्यवस्था का प्लान तैयार करें, प्रशासन तिरूपति बालाजी मन्दिर की तर्ज पर महाकाल मन्दिर में श्रद्धालुओं को कम समय में सुलभ दर्शन व्यवस्था की कार्य योजना बनाएं।जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के पग पड़े, उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा। पंचक्रोशी की तर्ज पर पूर्णिमा में भी यात्रा निकाली जाये, जिले की पुरातत्व महत्व की सम्पत्तियों का रिनोवेशन प्राथमिकता से किया जाये। मुख्यमंत्री ने उज्जैन में आयोजित शहर के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2028 में उज्जैन जिले में सिंहस्थ महापर्व का आयोजन होना है। सिंहस्थ के सफल आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए अभी से उज्जैन शहर की सड़कों एवं ट्रैफिक व्यवस्था का प्लान जिला प्रशासन तैयार करे। यह प्रयास करें कि श्रद्धालु कम से कम समय में महाकाल मन्दिर पहुंच जायें। उन्हें अनावश्यक रूप से दो-तीन किलो मीटर न चलना पड़े। प्रशासन तिरूपति बालाजी मन्दिर की तर्ज पर महाकाल मन्दिर में कम समय में श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन हो जाये, यह व्यवस्था सुनिश्चित करे और साथ ही कार्य योजना बनाये। इसके लिये एक टीम तिरूपति बालाजी मन्दिर जाकर वहां की व्यवस्था का अवलोकन करे। श्रद्धालुओं को कम समय में बाबा महाकाल के सुलभ दर्शन हो जायें, इसकी कार्य योजना बनाई जाये। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के पग पड़े हैं, उन स्थानों को धार्मिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जायेगा। नारायणाधाम भी एक ऐसी ही जगह है। नारायणाधाम को तीर्थधाम के रूप में विकसित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा की तर्ज पर पूर्णिमा पर भी परिक्रमा यात्रा निकाली जायेगी। परिक्रमा यात्रा का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा। यह प्रयास किया जायेगा कि वृंदावन में परिक्रमा की तर्ज पर महाकाल दर्शन के बाद श्रद्धालु चिन्तामन गणेश मन्दिर, हरसिद्धि मन्दिर, कालभैरव मन्दिर, मंगलनाथ मन्दिर, सान्दीपनि आश्रम आयें और पुन: महाकाल मन्दिर आयें। इस बीच श्रद्धालु शिवाय नम:, विष्णु नम: बोलकर साक्षी गोपाल मन्दिर के दर्शन भी करें, तभी उनकी यह परिक्रमा यात्रा पूर्ण मानी जायेगी। पंचक्रोशी मार्ग पर पड़ने वाले करोहन, नलवा, उंडासा, अंबोदिया, जैथल आदि पड़ाव स्थलों को श्रद्धालुओं के लिये विकसित किया जायेगा। स्थाई पड़ाव बनाने के लिये स्ट्रक्चर विकसित किये जायेंगे। डॉ.यादव ने कहा कि जिले की समस्त पुरातात्विक महत्व की सम्पत्तियों का रिनोवेशन प्राथमिकता से किया जायेगा। उज्जैन में कोठी पैलेस, ग्राण्ड होटल एवं महाराजवाड़ा को नया स्वरूप प्रदान किया जायेगा और इन सम्पत्तियों का समुचित उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने शहर की सड़कों के विकास के लिये प्लान बनाने के निर्देश दिये और कहा कि सड़कों का प्लान बनाने के दौरान पुलिस विभाग को भी सहभागी बनाते हुए उनके एंगल से कार्य योजना तैयार की जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनएचआई शहर के बाहर की सड़कों के साथ-साथ शहर के अन्दर की सड़कों को भी डेवलप करे। डॉ.यादव ने जिला प्रशासन को निर्देश दिये कि मांस-मछली विक्रेताओं को बैठने के लिये एक निश्चित स्थान उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने कहा कि हालांकि खुले में मांस-मछली बेचने वालों के विरूद्ध अभियान लगातार चलता रहे। निर्धारित डेसीबल से अधिक लाऊड स्पीकर बजाने पर भी लगातार कार्यवाही करने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इसके लिये अनावश्यक रूप से किसी को परेशान न किया जाये। उन्होंने बताया कि निर्धारित डेसीबल से अधिक पर लाऊड स्पीकर बजाने पर गृह विभाग एक एप तैयार कर रहा है। इस एप में शिकायत दर्ज की जा सकेगी। डॉ.यादव ने निर्माण कार्य करने वाले विभागों से कहा है कि जो 50 लाख रुपये तक के निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनके लोकार्पण और इतनी ही राशि के जो कार्य स्वीकृत हैं, उनका भूमिपूजन करवाया जाये। उपस्थित समस्त विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विकास के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। निर्माण कार्यों में किसी प्रकार की ढिलाई न हो। शहर के विकास के कार्य बेहतर हो, यह सुनिश्चित किया जाये। अच्छे काम करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जायेगा और खराब काम करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। शहर के प्रमुख चौराहों का सौन्दर्यीकरण करने एवं महामृत्युंजय द्वार के आसपास विकास कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने चामुण्डा माता मन्दिर चौराहा को हरिफाटक ब्रिज तक एलिवेटेड कॉरिडोर विकास के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली। नीलकंठ वन मार्ग पर पार्किंग की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिये आवश्यक उपाय किये जायें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि महाकाल आने वाले श्रद्धालु पांच मिनिट में बाबा महाकाल के दर्शन कर लें, इसकी प्लानिंग करें। बुजुर्ग, बच्चे एवं महिलाएं अनावश्यक न भटके और न ही उन्हें दो-तीन किलो मीटर तक चलना पड़े। इसकी माइक्रो प्लानिंग भी जिला प्रशासन करे। बताया गया कि एयरपोर्ट की तर्ज पर उज्जैन शहर में 100-100 टॉयलेट बनाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा को निर्देश दिये कि वे उज्जैन संभाग में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा निरन्तर करते रहें।श्रमदान कर स्वच्छता की शपथ दिलाई उज्जैन प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने भारत रत्न श्री अटलबिहारी वाजपेयी स्मृति अनुभूति उद्यान परिसर में स्वच्छता अभियान के तहत श्रमदान किया। श्रमदान करने के बाद अनुभूति उद्यान परिसर में ही त्रिवेणी का पौधारोपण किया। इसके बाद उन्होंने उपस्थितजनों को उद्बोधन देते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छोटे से छोटे काम को बड़ा महत्व देकर पूरे देश में स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया है। स्वच्छता में प्रदेश का इन्दौर महानगर प्रथम पायदान पर है। प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व में हमारे देश का नाम गौरवान्वित किया है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रदेश में मुख्य सेवक के नाते जो जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की मिली है, उस जिम्मेदारी को सबके समन्वय से विकास का काम करेंगे। प्रदेश एवं देश के साथ-साथ उज्जैन के विकास का काम आगे बढ़े। इसमें हम सब मिलकर प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि विकास के साथ-साथ प्रदेश में चल रही योजनाओं का क्रियान्वयन भी बेहतर ढंग से किया जायेगा। उन्होंने आमजनों से कहा है कि विकास के मामले में अगर किसी व्यक्ति का सुझाव और किसी भी प्रकार की शिकायत हो वह बतायें। उसको अमल में लाया जायेगा। हम सब मिलकर एक-दूसरे का साथ देकर विकास के काम करने में आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि उज्जैन शहर में स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक शनिवार को स्वच्छता अभियान चलाया जाता है, जो सराहनीय है। इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों को स्वच्छता की शपथ दिलाई ।उज्जैन को नंबर वन बनाने की शपथ-“हम शपथ लेते हैं कि बाबा महाकाल की इस पुण्य नगरी उज्जयिनी में स्वच्छता बनाये रखने के लिये हरसंभव प्रयास करेंगे। हम अपने घर, गली, मोहल्ले, बाजारों को साफ रखने में सहयोग करेंगे। इसके लिये हमारे घर, दुकान से निकलने वाले कचरे को अलग-अलग करके कचरा वाहन में ही डालेंगे और घर से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनाकर अपने घर में पेड़-पौधों के लिये उपयोग करेंगे और न तो हम गन्दगी करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। बाजार जाते समय घर से सामान लाने के लिये कपड़े का थैला लेकर जायेंगे और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे। कोई भी व्यक्ति पान, गुटखा खाकर सार्वजनिक स्थलों जैसे सड़क, दीवार, डिवाइडर, मन्दिर परिसर, चौराहों आदि पर नहीं थूकेंगे। उज्जैन को स्वच्छता में नम्बर-1 हम सब मिलकर बनायेंगे।”हस्तशिल्प मेले का शुभारम्भ -मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शनिवार को कालिदास अकादमी के परिसर में जिला पंचायत द्वारा आयोजित हाथकरघा एवं हस्तशिल्प मेले का स्थल पर पहुंचकर फीता काटकर विधिवत शुभारम्भ किया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला कुंवर और उपाध्यक्ष श्रीमती शिवानी कुंवर ने मुख्यमंत्री का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने भगवान गणेश की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा माल्यार्पण किया। उद्घाटन कार्यक्रम में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। जिला पंचायत अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प मेले में लगाई गई कुछ स्टाल्स पर पहुंचकर वहां हस्तशिल्पियों द्वारा बनाये गये उत्पादों का अवलोकन किया और उनकी प्रशंसा की।हेलीपेड पर स्वागत-मुख्यमंत्री डॉ . यादव शनिवार को दोपहर में पुलिस लाईन स्थित हेलीपेड पर प्रदेश सरकार के हेलीकाप्टर से उज्जैन पहुंचे। इस अवसर पर हेलीपैड पर मुख्यमंत्री का जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ और पुष्पमाला भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया।