हवाई जहाज के शोर को किया जाएगा मैनेज, एयरपोर्ट अथॉरिटी करवा रही नॉइस मैपिंग एंड डिक्लेरेशन वर्क सर्वे, 40 लाख रुपये होगा खर्च

इन्दौर। विमानों के उतरने और उड़ान भरने से होने वाले अत्यधिक शोर को लेकर गंभीर इन्दौर एयरपोर्ट अथॉरिटी, एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया के मार्गदर्शन में इंदौर एयरपोर्ट पर एक सर्वे करवाने जा रही है। सर्वे का उद्देश्य यह पता लगाना है कि इस शोर को कैसे नियंत्रित किया जाए, जिससे जन स्वास्थ्य प्रभावित ना हो।

तकरिबन 40 लाख रुपए खर्च कर दो माह तक किए जाने वाले इस सर्वे का नाम है नॉइस मैपिंग एंड डिक्लेरेशन वर्क और इसका मकसद यह पता करना है कि एयरपोर्ट पर विमानों के संचालन से कितना ध्वनि प्रदूषण हो रहा है।
इस सर्वे के तहत देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल इन्दौर पर एक्सपर्ट कंपनी द्वारा पहली बार ध्वनि प्रदूषण की जांच की जायेगी उसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर इंदौर में मौजूदा
विमानों के संचालन समय और भविष्य में आने वाले बड़े विमानों के लिए योजना तैयार की जाएगी।
इंदौर एयरपोर्ट पर होने वाले इस नॉइन मैपिंग एंड डिक्लेरेशन सर्वे के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने टेंडर जारी करते हुए एक्सपर्ट कंपनियों को आमंत्रित किया है। एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस कार्य के दौरान एक्सपर्ट कंपनी विशेष उपकरणों के माध्यम से एयरपोर्ट पर 24 घंटों में होने वाले ध्वनि प्रदूषण की हर मिनट के आधार पर जांच कर पता लगायेगी कि किस समय कितना ध्वनि प्रदूषण हो रहा है और यह कब कच मानक स्तर को पार कर रहा है।
इस रिपोर्ट के आधार पर उड़ानों का समय भी बदला जाएगा। एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार इंदौर एयरपोर्ट पर अभी सामान्य विमान ही आ रहे हैं जो कि तुलनात्मक रूप से कम शोर करते हैं, लेकिन आने वाले समय में यहां चार इंजन के बड़े विमान जैसे बोइंग 747, 777 और एयरबस 340 भी आएंगे।
वे बहुत ज्यादा शोर भी करते हैं। चूंकि वर्तमान में एयरपोर्ट के आसपास पनी बसाहट हो चुकी है, इसलिए बड़े विमानों के आवागमन के समय कैसे ध्वनि प्रदूषण कम रखा जाए, इसे लेकर भी कार्ययोजना तैयार की जाएगी।