प्रतिबंध के बावजूद खुले आम बोतलों में दिया जा रहा पेट्रोल

सारंगपुर। शहर के पेट्रोल पंपों पर इन दिनों बोतल में पेट्रोल देकर नियम कायदों की धज्जियां उडाई जा रहीं हैं। पंप पर काम करने वाले कर्मचारी पेट्रोल लेने आने वाले लोगों को बोतलों में ही पेट्रोल भरकर दे रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। ऐसा करते हुए खुलेआम एक्सप्लोसिव एक्ट के नियमों मखौल उडाया ही जा रहा है, इसके साथ ही कभी भी बडी दुर्घटना हो सकती है। इसके बावजूद संबंधित पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। पेट्रोलियम पदार्थ अत्यंत ज्वलनशील होता है। आसपास हल्की सी भी चिंगारी इस व्यवस्था पर भारी पड सकती है। जानकारी के मुताबिक शहरी क्षेत्र व आसपास लगभग एक दर्जन से भी अधिक पेट्रोल पंप संचालित रहे हैं।
हों सकता है हादसा, प्रतिबंध लगाना जरूरी एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत पेट्रोल पंप में ग्राहकों को प्लास्टिक की बोतलों या कंटेनरों में पेट्रोल देना प्रतिबंधित है। लोग पानी की प्लास्टिक की बोतलों को पेट्रोल लाने ले जाने उपयोग में लाते हैं जो काफी खतरनाक है। यदि पेट्रोल देते समय इसमें आग लग जाए तो पंप में गंभीर हादसा हो सकता है। लोगों के सुरक्षा के मद्देनजर इस पर पाबंदी लगाना जरूरी भी है, लेकिन पंपों पर खुलेआम इस नियम से खिलवाड करते हुए बिना आनाकानी किए बोतलों में पेट्रोल डाल दिया जाता है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षा नियम तय किए हैं जिसका पालन सभी पेट्रोलियम कंपनी के पंपों में अनिवार्य रूप से करना होता है। लेकिन नगर के पेट्रोल पंप में कर्मचारी इस नियम को ठेंगा दिखाकर पेट्रोल बेच रहे हैं। अपने इस कृत्य से स्वयं पंप परिसर में मौजूद लोगों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। ग्राहक भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। पंप कर्मचारियों का कहना है कि कुछ उपभोक्ता अपनी मजबूरी का हवाला देकर बोतलों में पेट्रोल भराकर ले जाते हैं।
खतरनाक है प्लास्टिक की बोलत का इस्तेमाल
पेट्रोलियम पदार्थ अत्यंत ज्वलनशील होता है। आसपास हल्की सी भी चिंगारी इस व्यवस्था पर भारी पड सकती है। पेट्रोल पंप में ग्राहकों को प्लास्टिक की बोतलों या कंटेनरों में पेट्रोल देना प्रतिबंधित है। लोग पानी की प्लास्टिक की बोतलों को पेट्रोल लाने ले जाने में उपयोग में लाते हैं, जो काफी खतरनाक है। यदि पेट्रोल देते समय इसमें आग लग जाए तो पंप में गंभीर हादसा हो सकता है।
वाहनों चालकों को पंप पर न तो सुलभ सुविधा मुहैया हो पा रही है और न ही कोई सुरक्षा के इंतजाम किए गए है। पेट्रोल पंप संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने एसडीएम संजय उपाध्याय ने 28 नवंबर को शहर में संचालित पेट्रोल पंप संचालकों को 7 दिन में व्यवस्था सुलभ करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इन पंप संचालकों को व्यवस्था सुधारना तो दूर उल्टा एसडीएम के आदेश की धज्जियां उडाते हुए शहर में देखा जा सकता है।