योगी सरकार ने ली किन्नरों की सुध – किन्नरों को 12 हजार रुपए सालाना मिलेगी पेंशन

दैनिक अवंतिका(उत्तर प्रदेश) उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते विधानसभा चुनावों के पहले किन्नर (ट्रांसजेंडर) समुदाय के जीवन को बेहतर बनाने की सुध लेना शुरू किया था. इसके तहत पहले तो ‘उप्र किन्नर कल्याण बोर्ड’ (ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड ) का गठन कर सोनम किन्नर को बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया. और अब प्रदेश में किन्नरों की दशा सुधारने के लिए किन्नरों को जीवन निर्वाह भत्ता देने की तैयारी की जा रही है. सरकार के अधिकारियों के अनुसार लोकसभा चुनावों के पहले योगी सरकार एक लाख से अधिक किन्नरों को 12 हजार रुपए सालाना पेंशन देने की तैयारी कर रही है. इस पेंशन का भुगतान वृद्धावस्था पेंशन की तरह ही  तिमाही किस्तों के रुप मेन किन्नरों के आधार लिंक बैंक खातों में किया जाएगा. इसके लिए समाज कल्याण विभाग प्रदेश में किन्नरों का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा रहा है.

यूपी में 1. 36 लाख किन्नर हैं :
समाज कल्याण विभाग के अफसरों के अनुसार, देश और प्रदेश में किन्नर समुदाय अपनी पहचान और सम्मान के लिए संघर्षरत है. समाज द्वारा हीन भावना से देखे जाने वाले किन्नर अपने अच्छे कामों से लोगों की अपने प्रति दकियानूसी सोच को धीरे-धीरे बदल रहे हैं. आज बहुत से किन्नरों को उनके लिंग के आधार पर नहीं बल्कि उनके काम के आधार पर जाना जाता है. सूबे की सरकार ने भी किन्नर समुदाय के जीवन को बेहतर करने की कई पहल ही है, जिसका लाभ किन्नर समुदाय को मिला रहा है. इसी क्रम में अब योगी सरकार ने प्रदेश में रह रहे 1.6 लाख किन्नरों के जीवन निर्वाह भत्ता देने का फैसला किया है. इन किन्नरों को पेंशन, यात्रा सुविधा के साथ अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ मुहैया कराने के लिए समाज कल्याण विभाग उन्हें चिह्नित कर विभागीय पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन करवा रहा है. विभागीय पोर्टल पर अब तक प्रदेश में 1070 किन्नरों को रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है, इनमें सबसे ज्यादा 110 किन्नर गौतमबुद्धनगर के हैं और 64 किन्नर लखनऊ के हैं. जिन 1070 किन्नरों को रजिस्ट्रेशन हो गया है, इनमें 514 किन्नरों को विभाग की ओर से अधिकृत प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है. विभागीय अफसरों का कहना है कि सूबे में सभी 1.36 किन्नरों का रजिस्ट्रेशन होने बाद उनका आयुष्मान कार्ड भी बनवाया जाएगा, ताकि उन्हे अस्पतालों में फ्री इलाज कराने की सुविधा भी मिल सके.

किन्नर समुदाय की मांग :
सूबे के किन्नरों को पेंशन देने के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगी आदित्यनाथ ने 9 जून, 2021 को उप्र किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया था. सीएम योगी का यह फैसला न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से बल्कि, सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण था. बोर्ड के गठन के साथ ही सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुई सोनम चिश्ती को तब उप्र किन्नर कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. बोर्ड का उपाध्यक्ष बनने के बाद सोनम चिश्ती ने किन्नरों के जीवन निर्वाह भत्ता दिए जाने की मांग की थी. और सीएम योगी से मिलकर उन्होंने किन्नरों को पेंशन के रूप में हर महीने एक हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का आग्रह किया था. इसके अलावा उन्होंने किन्नरों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज कराने तथा किन्नरों की पढ़ाई और उनके आवासों की भी व्यवस्था सरकार की ओर से कराए जाने की मांग की थी. सोनम किन्नर की मांगों में से किन्नरों को पेंशन मुहैया कराने पर कवायद अब शुरू होने वाली है.