केसीसी कांड में हुई किसानों की जीत : उच्च पदों के जनप्रतिनिधि जांच की आंच में

धोखे से किसानों की करोड़ों की ज़मीन ज़मीर के सौदेबाजों ने बाले बाले कौड़ियों के दाम में कर दी थी नीलाम

उज्जैन। कर्नाटक बैंक के किसान क्रेडिट कार्ड कांड में आया फ़ैसला। धोखे से किसानों की करोड़ों की ज़मीन ज़मीर के सौदेबाजों ने बाले बाले कौड़ियों के दाम में कर दी थी नीलाम। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने उत्तम उदाहरण पेश कर नीलामी में बेची गई जमीनों के नामांतरण किए निरस्त। ठगे ठगाए किसानों में कलेक्टर की कार्यवाही से दौड़ी खुशी की लहर हालांकि अभी कार्यवाही अधूरी क्योंकि कर्नाटक बैंक के कर्णधारों के साथ ही भू माफियाओं, दलाल और सरकारी महकमें के तहसीलदारों पर कार्यवाही होना बाकी है।

इस कांड में दोषियों को बचाने में काफी दबाव प्रभाव का रहा दम। जिसमें सांसद और मंत्री पर भी लगाए थे किसानों ने लूट खसोट करने वालों को संरक्षण देने के आरोप है।

प्रभावित किसानों के अनुसार जनप्रतिनिधियों ने कई कई बार खाई थी बाबा महाकाल की झूठी कसम, अभी न्याय की लड़ाई और भी लम्बी होने की संभावना है क्योंकि दोषियों को बचाने में पूरा एक तन्त्र लगा हुआ है।