शिप्रा के घाटों पर अफसर रेलिंग तक नहीं लगा पाए, दो फिर डूबने से बचे    

उज्जैन। शिप्रा नदी के घाटों पर जिम्मेदार अफसर अब तक सुरक्षा के लिए रेलिंग तक नहीं लगा पाए। हाल ही में दो बच्चियां फिर नदी में डूबने से बच गई। घाटों पर इस तरह के हादसे होना आम बात है। पिछली घटनाओं के बाद मचे बवाल से बचने के लिए अफसरों ने कहा था कि घाटों पर सुरक्षा के लिए रेलिंग लगवाई जाएगी। लेकिन दो साल से तो इसके लिए टेंडर होने की ही बात कही जा रही है। जाने कब टेंडर होंगे। रेलिंग लगेगी और सुरक्षा होगी लेकिन तब तक पता नहीं कितनी घटनाएं हो जाएगी। लोगों की जान बेवजह खतरे में हैं।

दो दिन पहले की घटना होमगार्ड…जवान नहीं होता तो डूब ही जाते… 

दो दिन पहले की ही बात है जब घाट पर परिवार के साथ आई दो बच्चियां शिप्रा नदी में डूब जाती। वह तो गनीमत रही कि पैदल भ्रमण पर निकले होमगार्ड के जवान ने उन्हें देख लिया और वह वर्दी समेत ही नदी में कूद गया और बच्चे को पानी से निकाल लाया।

13 करोड़ की योजना पर दो साल…से तो टेंडर की बात चल रही है….

शिप्रा नदी पर एक जैसे प्लेटफार्म व रेलिंग समेत अन्य सुरक्षा इंतजामों के लिए पूर्व में 13.30 करोड़ की राशि का प्लान तैयार कर टैंडर करने की बात कही गई थी। लेकिन हकीकत तो ये है कि अभी तक प्रशासन काम नहीं करवा पा रहा है।