विधानसभा निर्वाचन-2023 में “बाज” सी नजर रहेगी आयोग की

 

विधानसभा निवार्चन के अन्तर्गत गठित निगरानी दलों के दायित्व

 

उज्जैन । विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए निर्वाचन आयोग बाज सी नजर के साथ काम करेगा।कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने आगामी विधानसभा निर्वाचन-2023 के नाम निर्दिष्ट प्रत्येक अभ्यर्थी के नामांकन की तारीख से निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तारीख (दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हुए) तक उसके द्वारा या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा उपगत या प्राधिकृत किये गये सभी व्ययों की निगरानी रखने, रख-रखाव करने और प्रचार अभियान के दौरान गैर-अनुज्ञेय व्ययों पर निगरानी के लिये दलों का गठन कर उन्हें दायित्व सौंपे हैं।

 

खर्च निगरानी प्रकोष्ठ (ईएमसी)

 

दल का दायित्व खर्च ऑब्जर्वर एवं जिला निर्वाचन कार्यालय के मध्य समन्वय करना होगा। सभी टीम सदस्यों को प्रशिक्षण आदि करवाना, उन्हें संसाधन एवं लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करना होगा। निर्वाचनों की घोषणा और निर्वाचनों की अधिसूचना के मध्य के समय में राजनैतिक दलों/संभावित अभ्यर्थियों द्वारा की गई सभाओं/रैलियों/बैठकों की वीडियोग्राफी करवाना होगी। यद्यपि इस व्यय को अभ्यर्थी के रजिस्टर में नहीं जोड़ा जायेगा। 72 घंटे में डीईएमसी प्रकरण का अध्ययन कर उक्त प्रकोष्ठ निर्णय लेगा कि क्या ऐसा व्यय अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जायेगा अथवा नहीं। परिणाम घोषणा के 30 दिन की निर्धारित अवधि में अभ्यर्थी व्यय लेखा दाखिल नहीं करता है तो उससे स्पष्टीकरण प्राप्त कर आयोग को भेजना होगा।

 

सहायक खर्च ऑब्जर्वर (एईओ)

 

दल का दायित्व होगा कि वे व्यय प्रेक्षक, आरओ, डीईओ के मध्य समन्वय अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र हेतु एक सहायक खर्च ऑब्जर्वर होगा। अधिसूचना के दिन से ही इन्हें निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जायेगा और व्यय प्रेक्षक की अनुमति के बिना निर्वाचन क्षेत्र से बाहर नहीं जायेंगे। यह निर्वाचन क्षेत्र के संवेदनशील आयोजनों एवं बड़ी सार्वजनिक रैलियों की वीडियोग्राफी का पर्यवेक्षण करेंगे। भ्रष्ट आचरण की शिकायतों को तत्काल एफएस को हस्तांतरित करेंगे।

 

लेखा टीम (एटी)

 

ये अभ्यर्थी की छाया प्रेक्षण रजिस्टर और साक्ष्यों के फोल्डर एईओ के मार्गदर्शन में संधारित करेंगे। ये टीम सहायक खर्च ऑब्जर्वर के मार्गदर्शन में काम करेगी। इन्हें वीवीटी द्वारा प्रस्तुत व्ययों की मदों को छाया प्रेक्षण रजिस्टर अनुबंध ‘ख-11’ में दर्ज करना होगा। इनके पास राजनैतिक दलों के साथ चर्चा कर तैयार की गई अधिसूचित दरों की सूची होगी। इसी आधार पर प्रत्येक मद के संमुख दर लिखेंगे। नामांकन दाखिल करने के बाद प्रयुक्त (उपयोग में लाई गई) अभियान सामग्री का व्यय छाया प्रेक्षण रजिस्टर में दर्ज किया जायेगा। चाहे भुगतान नामांकन-पूर्व कर दिया गया हो।

 

वीडियो सर्वेलेंस टीम (वीएसटी)

 

इनका कार्य सभा/रैलियों/बैठकों का वीडियो कवरेज करना होगा। कवरेज से पूर्व सभी प्रकार की घटनाओं के बारे में स्थान, तारीख, दल का प्रकार एवं पार्टी/अभ्यर्थी का नाम वाइस मोड में रिकार्ड करना होगा। रिकॉर्डिंग में वाहन, कुर्सियां, टेन्ट, मंच, पोस्टर, फ्लेक्स, कटआउट आदि कवर कर समस्त खर्चों को केप्चर करना होगा। बीच-बीच में भाषण के अंशों विशेषकर आचार संहिता के उल्लंघन वाली बातों को अवश्य रिकॉर्ड करना होगा।

 

वीडियो अवलोकन दल (वीवीटी)

 

इनकी बैठक व्यवस्था आरओ/एईओस के कक्ष में होगी। इनके पास सीडी प्लेयर और टीवी होगा। यह टीम व्यय से सम्बन्धित मामलों और आदर्श आचार संहिता से सम्बन्धित मामलों की पहचान हेतु प्रतिदिन सीडी देखेंगे। यह टीम उसी दिन या अधिक से अधिक अगले दिन व्यय सम्बन्धी अपनी रिपोर्ट लेखा टीम/सहायक व्यय प्रेक्षक को देंगे।

 

फ्लाइंग स्क्वाड टीम (एफएसटी)

 

प्रत्येक थाना क्षेत्र हेतु एक फ्लाइंग होगी। इसमें एक कार्यपालिक मजिस्ट्रेट एवं एक पुलिस अधिकारी होगा। यह स्वाए ड समस्त प्रकार के निर्वाचन खर्च एवं आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों को देखेगी। सीईओ एमपी तथा जिला शिकायत निगरानी प्रकोष्ठ से प्राप्त शिकायत को देखेगी।

 

स्टेटिक सर्वेलांस टीम (एसएसटी)

 

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन या अधिक एसएसटी होगी। इसमें एक विशेष कार्यपालिक दण्डाधिकारी और एकाधिक पुलिस अधिकारी होगा। यह मुख्य मार्गों/आन्तरिक मार्गों/अन्तरराज्यीय या अन्तरजिला मार्गों पर स्टेटिक सर्वेलांस टीम चेकपोस्ट लगायेगी। इसका मुख्य कार्य अपने क्षेत्र में भारी मात्रा में लाई जाने वाली नगदी, अवैध शराब, कोई संदेहास्पद वस्तु या शस्रों्र इत्यादि की आवाजाही पर निगरानी रखना है। सम्पूर्ण जांच की वीडियोग्राफी की जायेगी और सीडी अकाउंटिंग टीम को सौंपी जायेगी। शंकास्पद नगद/उपहार जप्त करना या अपराध प्रतीत होता है तो सीआरपीसी/आईपीसी की धाराओं के तहत कार्यवाही की जायेगी।

 

लीकर मॉनीटरिंग टीम (एलएमटी)

 

एलएमटी का दायित्व निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा से जिले में शराब की आवक/खपत (आईएमएफएल/बीयर/लीकर) स्टॉकीस्ट एवं फुटकर विक्रेता की दुकानों का प्रति दूसरे दिन प्रतिवेदन निर्धारित प्रपत्र से एनेक्चर 22डी-डीईओ एवं राज्य के नोडल अधिकारी को भेजना होगा। शराब दुकानों के दैनिक रूप से खुलने और बन्द होने के समय का नियमन करना, आरटीओ चेकपोस्ट पर अन्तरराज्यीय सीमाओं पर विशेष जांच दस्ते को नियुक्त करना, अवैध शराब निर्माताओं के यहां दबिश देना और जप्ती करना, निकटवर्ती राज्य के एक्साइज कमिश्नर से समन्वय करना और यदि कोई भी व्यय, अभ्यर्थी या मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल के व्यय लेखे में सम्मिलित किया जाना है तो इससे सम्बन्धित सूचना सम्बन्धित विधानसभा क्षेत्र के आरओ/एईओ लेखा दल तथा डीईओ को सम्प्रेषित करने का दायित्व भी उक्त दल का होगा।