सुसनेर : श्रेयांश नाथ के मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाया रक्षाबंधन पर्व

सुसनेर ।  श्री त्रिमुर्ति दिगम्बर जैन में मुनिश्री भूतबली सागर जी महाराज एवं संघ के सानिध्य में बुधवार वीर निर्वाण संवत 2549 श्रावण शुक्ल चतुर्दशी को रक्षाबंधन महापर्व के अवसर पर ग्यारवे तीर्थंकर श्री श्रेयांश नाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। साथ ही भगवान को निवार्ण लाडू चढ़ाकर सामूहिक रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया गया। इस रक्षापर्व के अवसर पर सुबह जिनेंद्र भगवान का अभिषेक व पूजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थितों को संबोधित करते हुवें मुनिश्री भूतबली सागर जी महाराज ने कहा कि हस्तिनापुर में बनलि आदि मंत्रियों ने कपटपूर्वक राज्य ग्रहण कर अकम्पनाचार्य सहित 700 जैन मुनियों पर घोर उपसर्ग किया था, जिसे विष्णु कुमार मुनि ने दूर किया था। यह दिन श्रवण नक्षत्र श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। इस दिन अकंपनाचार्य आदि 700 मुनियों की रक्षा विष्णु कुमार द्वारा हुई। विघ्न दूर होते ही प्रजा ने खुशियां मनाई। श्रीमुनि संघ को स्वास्थ्य के अनुरूप आहार दिया, सेवा की, तभी से जैन परंपरा में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन जैन मंदिरों में श्रावक, श्राविकाएं जाकर धर्म और संस्कृति की रक्षा के संकल्पपूर्वक रक्षा सूत्र बांधते हैं। इसके पूर्व समाजजनों ने भगवान श्रेयांसनाथ की पूजा-अर्चना, अभिषेक व शांतिधारा कर लाडू चढ़ाया। निर्वाण लाडू चढ़ाने की बोली शेलेंद्र कुमार जैन अहमदाबाद के द्वारा ली गई।कार्यक्रम का संचालन अशोक जैन (मामा) ने किया।
सामूहिक रूप से रक्षासूत्र बांधे
इस अवसर पर मंदिर में सामूहिक रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। पांडाल में एक तरफ भाई तो दूसरी तरफ बहनों को बैठाकर रक्षासूत्र बांधा गया। बह्रचारी मंजूला दीदी ने जैन वेदिक मंत्रोचार उचारण किया इसके बाद बहनों ने भाईयों को सामूहिक रूप से रक्षासूत्र बांधे,यहां पर यह पर्व पूर्ण उल्लास के साथ मनाया गया। सामाजिक मूल्यों की रक्षा की प्रतीज्ञा की गई।धमार्नुकूल आचरण के लिए प्रेरणा दी गई। स्वाध्याय कक्षा आयोजित की गई।

 

 

 

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