जिस जेल में करता था उपचार, उसकी सलाखों में रहेगा चार साल

उज्जैन। केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंदियों का उपचार करने वाले मेल नर्स को 86 माह पहले लोकायुक्त ने दो हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा था। जिसे मंगलवार को विशेष न्यायालय ने चार साल की सजा सुनाई है। मेल नर्स जिस जेल में बंदियों का उपचार करता था अब उसी जेल की सलाखों के पीछे रहेगा।
मामला इस प्रकार का था कि 29 दिसंबर 2017 को आदर्श भदौरिया ने निवासी आगररोड ने लोकायुक्त कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका भाई जीतू खटीक केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में बंद है। जिसकी तबीयत खराब है और जेल में उपचार करने वाला मेल नर्स जितेन्द्र वैष्णव भाई को उपचार के लिये रैफर करने के एवज में 2 हजार की रिश्वत मांग रहा है। वह रिश्वत देना नहीं चाहता था। शिकायत की तस्दीक करने के बाद लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में तत्कालीन उपपुलिस अधीक्षक अजय बहादूर लावरे ने रिश्वतखोर मेल नर्स को पकडऩे की योजना तैयार की और शिकायतकर्ता को रिश्वत की राशि लेकर रवाना किया गया। जितेन्द्र वैष्णव ने आदर्श भदौरिया को अन्नपूर्णा मंदिर के पीछे सिद्धवट भैरवगढ़ बुलाया। जहां रिश्वत की राशि के दो हजार रूपये लेते ही लोकायुक्त टीम ने उसे रंगेहाथ रिश्वत लेते ट्रेप कर लिया। अभियोग पत्र न्यायालय में पेश करने के बाद लम्बी चली सुनाई के बाद विशेष न्यायाधीश द्वारा मेल नर्स जितेन्द्र को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13 (2) का दोषी पाते हुए चार वर्ष की सजा से दंडित कर भैरवगढ़ जेल भेज दिया। मामले में लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डीपीओ द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया।