पंजीयन के बावजूद सैकड़ों विद्यार्थियों को बीएड-एमएड में नहीं मिला प्रवेश

इंदौर ।  एनसीटीई से मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। शुक्रवार को दस हजार रिक्त सीटें विद्यार्थियों को आवंटित की गई, मगर विभाग ने प्रतीक्षा सूची जारी नहीं की है। इस वजह से सैकड़ों विद्यार्थियों को कालेज अलाट नहीं हुए हैं, जो पिछले दो राउंड से काउंसलिंग में पंजीयन करवा रहे है।
अब इन छात्र-छात्राओं के सामने साल बिगड़ने की नौबत आ गई है। इन्होंने विभाग से अतिरिक्त काउंसलिंग की मांग उठाई है। अधिकारियों का कहना है कि सीट आवंटन होने के बाद कई विद्यार्थी फीस जमा नहीं करते हैं। इसके चलते सीटें खाली रहती हैं। अगर विभाग प्रतीक्षा सूची जारी करे तो विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में आसानी होगी।
72 हजार सीटों के लिए मई से चल रही प्रवेश प्रक्रिया : बीएड-एमएड, बीपीएड-एमपीएड, बीएससी बीएड, बीएबीएड सहित अन्य कोर्स की 72 हजार सीटों के लिए प्रवेश प्रक्रिया मई से चल रही है। आनलाइन काउंसलिंग के चार चरण बीत चुके हैं। बावजूद इसके बीएड-एमएड की सीटें भरने में परेशानी आ रही है। पिछले साल नियमों में बदलाव करने के बाद विभाग ने प्रतीक्षा सूची जारी करना बंद कर दिया है। इसके चलते बार-बार काउंसलिंग का अतिरिक्त चरण रखना पड़ रहा है।
प्रदेश में सैकड़ों विद्यार्थियों को नहीं मिले कालेज
पांचवें चरण की काउंसलिंग में सीट आवंटन सूची शुक्रवार को निकाली है, जिसमें दस हजार से अधिक रिक्त सीटों पर विद्यार्थियों को प्रवेश देना था। मगर 92 प्रतिशत सीटों पर आवंटन दिए गए हैं। अभी पूरे प्रदेश में सैकड़ों विद्यार्थियों को कालेज नहीं मिले हैं। अधिकांश छात्र-छात्राओं का कहना है कि पिछले दो चरणों से कालेज नहीं दिए गए हैं, जबकि पंजीयन और दस्तावेजों का सत्यापन प्रत्येक चरण में करवाया है।इंदौर जिले में ही करीब 1800 विद्यार्थी प्रतीक्षारत
इंदौर जिले में भी 1700 से 1800 विद्यार्थियों को कालेज नहीं मिले हैं। यह संख्या प्रदेश स्तर पर हजारों में पहुंच चुकी है। साल बिगड़ता देख विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर काउंसलिंग का अतिरिक्त चरण मांगा है। अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय संचालक संघ के पदाधिकारी अभय पांडे व गिरधर नागर का कहना है कि जिन विद्यार्थियों को सीटें आवंटित हुई है, उन्हें 30 अगस्त तक फीस भरना है। इसके बाद रिक्त सीटों की स्थिति स्पष्ट होगी। वैसे काउंसलिंग के एक और चरण की जरूरत है। प्रतीक्षा सूची जारी करने से यह समस्या खत्म हो सकती है।