देवास में 20 कलाकारों ने 80 वाद्य यंत्रों पर की संगत

देवास ।  आराधना योगा एंड मेडिटेशन स्टूडियो तथा मां शारदा साउंड एंड लाइट द्वारा द बेस्ट मेलोडीज आॅफ नाइंटीज कार्यक्रम का आयोजन मल्हार स्मृति मंदिर में किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के गायकों एवं कलाकारों ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस संबंध में आयोजक प्रीतेश शर्मा और सुनील टांक ने बताया कि स्थानीय मल्हार स्मृति मंदिर में शाम 7 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
कार्यक्रम में अतिथि के रूप में विक्रमसिंह पवार उपस्थित थे। फैथ फाउंडेशन ग्लोबल स्कूल के सेंटर हेड डॉ. एस परिमला, जीतू चौधरी, वरिष्ठ अभिभाषक डीएस गुप्ता, किशोर दुबे, सीजी टयूटोरियल्स के आशीष गुप्ता, प्रियेंद्र पंडित, प्रवीण वर्मा, भजन गायक द्वारका मंत्री, जितेंद्र गुप्ता, दीपेश पांडेय, देवेंद्र पटेल, हिम्मतसिंह चावड़ा, नितिन गहिले की विशेष उपस्थिति में आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के धर्मेन्द्र मौर्य विशेष रूप से उपस्थित हुए। कार्यक्रम के दौरान संस्था द्वारा गौरव सम्मान से देवास की सबसे होनहार बालिका फीडबॉक्स की को फाउंडर व मुख्यमंत्री यंग अचीवर्ड अवॉर्ड से सम्मानित आयुषी गुप्ता को सम्मानित किया गया। साथ ही विधायक गायत्रीराजे पवार, द्वारका मंत्री, डॉ. एस. परिमला, प्रियेंद्र पंडित, प्रवीण वर्मा, जितेन्द्र वर्मा, प्रदीप चौधरी, भजन गायिका संस्कृति पगारे, विजयबहादुर सिंह, श्रीमती मनीषा बापना, एडवोकेट मनोज श्रीवास्तव को देवास गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। वहीं इंडियन आॅइडल, सारेगामापा जैसे रियालिटी शो और फिल्मों तक अपनी उंगलियों के जादू से कीबोर्ड पर संगत देने वाले योगेश पाठक भोला का विशेष रूप से सम्मान किया गया।
इसी साथ कार्यक्रम में जितेन्द्र शर्मा, उदय टाकलकर, विजयबहादुर सिंह, रोहितभूषण मिश्रा, विजय पटेल, मीनाक्षी सरगम, अमृता तिवारी, राजकुमारी सोनी, निकिता चावड़ा, पूजा साहू ने 90 के दशक के गानों की सुरमयी प्रस्तुति दी। शाम 7 बजे से प्रारंभ हुआ समारोह देर रात करीब 1 बजे तक चलता रहा। समारोह के दौरान बड़ी संख्या में सुधि श्रोता उपस्थित रहे, जिन्होंने गीतों का आनंद लिया। विशेष आकर्षण का केंद्र देवेश रावत व कोरस की टीम रही। संगीत संयोजन नागेश्वर शर्मा ने किया। लाइट और साउंड संयोजन अनिल टांक ने किया। मानस चौहान और शुभम वर्मा का विशेष सहयोग रहा। संगीत में विशेष यह रहा कि लगभग 20 कलाकारों ने 80 वाद्य यंत्रों पर प्रस्तुति दी।