इंदौर। साढ़े पांच वर्ष पहले हुआ दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बस हादसा किसकी लापरवाही से हुआ था, यह अब तक तय नहीं हो सका। हादसे को लेकर हाई कोर्ट में चल रही याचिकाओं में शुक्रवार को बहस होनी थी, लेकिन एक बार फिर टल गई। एक याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि वे अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहते हैं। कोर्ट ने इसके लिए समय देते हुए सुनवाई आगे बढ़ा दी। अब सितंबर के दूसरे सप्ताह में अंतिम बहस होगी। 5 जनवरी 2018 को डीपीएस की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। बायपास पर हुए हादसे में बस में सवार पांच बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई थी। कई बच्चों को गंभीर चोट भी आई थी। इन घायल बच्चों का इलाज कई महीने चला। शासन स्तर पर हुई जांच में यह बात सामने आई थी कि हादसे के वक्त बस की गति 80 किमी प्रतिघंटा से भी ज्यादा थी।
हादसे को लेकर दायर हैं कई याचिकाएं
इस हादसे को लेकर कई याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हुईं। इन सभी याचिकाओं में हादसे के लिए जिम्मेदारों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए कठोर कार्रवाई और मृतकों के स्वजन और घायलों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की गई है। एक याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट मनीष यादव ने बताया कि शुक्रवार को अंतिम बहस होनी थी, लेकिन यह अंतिम समय में टल गई। एक याचिकाकर्ता ने अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए समय ले लिया।