इंदौर में पिछले दस महीने में छेड़छाड़-मारपीट के 50 केस, भंवरकुआं और विजय नगर हाट स्पाट

अनुमति जारी कर भूल गया प्रशासन, नशाखोरी के अड्डे बनी चाय की दुकानें
नगर प्रतिनिधि  इंदौर
नाइट कल्चर की आड़ में नशाखोरी बढ़ रही है। दस महीने में 50 से ज्यादा घटनाएं नाइट कल्चर में हुई हैं। इसमें तीन हत्या के केस शामिल हैं। भंवरकुआं, एलआइजी चौराहा और विजय नगर हाट स्पाट हैं। इन जगहों पर रातभर युवाओं का मजमा लगा रहता है।
बी-टेक छात्र मोनू उर्फ प्रभाष की हत्या की आरोपित तानिया कुशवाह उर्फ तान्या रात 3 बजे तक दोस्तों के साथ घूम रही थी। मोनू एलआइजी चौराहा स्थित चाय की दुकान से निकला था। रास्ते में कमेंट्स बाजी हुई और तान्या व उसके दोस्त शोभित, छोटू और ऋतिक ने चाकू मारकर हत्या कर दी। इसके पहले भी रात में वारदात हो चुकी है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दस महीनों में करीब 50 केस नाइट कल्चर के कारण हुए है। इसमें मारपीट, जानलेवा हमला और छेड़छाड़ के मामले ज्यादा है। प्रशासन ने अनुमति देते वक्त दावा किया था कि बीआरटीएस से 100 मीटर के दायरे में रात में खुलने वाली दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। दुकान-होटल में बैठने की व्यवस्था करना होगी। दुकानों का रजिस्ट्रेशन करवाना भी आवश्यक है। नगर निगम, प्रशासन और पुलिस ने अनुमति जारी करने के बाद जांचने का प्रयास ही नहीं किया।
भंवरकुआं
भंवरकुआं चौराहे से राजीव गांधीनगर चौराहे तक रातभर युवाओं की भीड़ रहती है। ज्यादातर दुकानों में बैठने की व्यवस्था नहीं है। सड़क पर ही वाहन खड़े होते हैं। 31 दिसंबर को भोलाराम उस्ताद मार्ग पर इंजीनियरिंग छात्र आयुष गुप्ता की बाइक सवारों ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी। आयुष चाय पीने गया था। निकलने की बात पर आयुष पर हमला कर दिया।
एलआइजी चौराहा
एलआइजी चौराहा पर चार युवतियों ने एक युवती पर जानलेवा हमला कर दिया। यह घटना 6 नवंबर की है। आरोपित युवतियां नशा कर घूम रही थी।
विजयनगर
नाइट कल्चर शुरू होने के चौथे दिन ही पब संचालकों पर हमला हुआ था। पब में एंट्री को लेकर कहासुनी हुई और गोलियां चल गईं।

तीन स्थानों पर सिमटा नाइट कल्चर
प्रशासन ने पिछले वर्ष सितंबर में बीआरटीएस पर 11 किमी के दायरे में रात्रि में दुकानें खोलने की अनुमति दी है। नाइट कल्चर में प्रमुख प्रतिष्ठानों ने रुचि नहीं दिखाई लेकिन छोटी-दुकानों पर भीड़ लगने लगी। भंवरकुआं, एलआइजी चौराहा और विजय नगर चौराहा तक ही नाइट कल्चर सिमट कर रह गया।

Author: Dainik Awantika