दूधतलाई पर बना निगम का नवनिर्मित कांप्लेक्स विवादों में घिरा, सुदामा मार्केट के एक दुकानदार को मृत बताकर उसकी दुकान हड़पने की रची साजिश….. मामले में निगम के अधिकारियों की भी मिलीभगत की आशंका…

उज्जैन। दूध तलाई स्थित सुदामा मार्केट के एक दुकानदार को मृत बताकर उसकी दुकान हथियाने का एक रोचक मामला सामने आया है बताया जाता है कि एक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज नगर निगम में प्रस्तुत कर दुकानदार को मृत बताकर उसकी दुकान हड़पने की साजिश रची है इसमें नगर निगम के अधिकारियों की भी सांठगांठ बताई जा रही है
मामला यह है कि दूध तलाई स्थित सुदामा मार्केट में 20 नंबर की दुकान अविनाश पिता विनायक के नाम से संचालित होती थी दुकान के दस्तावेज भी उसी के नाम से है।सुदामा मार्केट टूटने के बाद इस मार्केट के बेरोजगार हुए 37 दुकानदारों को नगर निगम ने नए कांप्लेक्स में दुकान देने का आश्वासन दिया था तथा कलेक्टर आशिष सिंह ने खुद इस मामले में संज्ञान लेते हुए दुकानदारों को प्राथमिकता से दुकान देने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने सुदामा मार्केट तोड़कर उस पर नवनिर्मित कांप्लेक्स बनाया। लेकिन एक व्यक्ति ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर फर्जी दस्तावेज नगर निगम में पेशकर अविनाश को मृत बताकर उसकी दुकान हड़पने की साजिश रच डाली।
जब अविनाश को पता चला कि उसे मृत बताकर उसकी दुकान हड़पने की कोशिश की जा रही है तो वह तुरंत नगर निगम पहुंचा और अधिकारियों को इस बारे में बताया उसके बाद पूरा मामला उजागर हुआ।

 

अधिकारियों ने किया मामला रफा-दफा…

नगर निगम के अधिकारियों ने जिस समय सुदामा मार्केट तोड़ा जा रहा था उस समय मौके पर पंचनामा बनाया उसमें 20 नंबर दुकान के संचालक अविनाश को कागजों में मृत घोषित कर दुकान दूसरे के नाम से आवंटित कर दी थी लेकिन जब यह मामला उजागर हुआ और अधिकारियों को पता चला कि अविनाश जिंदा है तो इस मामले को नगर निगम के अधिकारियों ने रफा-दफा कर कर दिया और दुकान निरस्त कर दी। लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और जिस व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया इससे यह जरूर साबित हो रहा है कि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही यह षड्यंत्र रचा गया है।

आपत्तियों का नहीं हुआ निराकरण

कई लोगों ने दुकान आवंटन की प्रक्रिया को लेकर आपत्ति भी लगाई थी लेकिन आपत्ति का निराकरण करे बगैर ही अधिकारियों ने बाले बाले इस पूरे मामले को निपटा कर दुकान आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है अगर इस मामले में जांच की जाए तो बड़ा भ्रष्टाचार होने की संभावना बताई जा रही है।

सुदामा मार्केट के कई दुकानदार हुए बेरोजगार

दुकानदारों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जो बरसों से जहां निवास कर रहा है या व्यवसाय कर रहा है वह उसकी ही संपत्ति है उससे कोई नहीं छीन सकता लेकिन सुदामा मार्केट में दुकान संचालित करने वाले दुकानदारों की कहानी कुछ अलग ही है उनसे दुकान छीन ली गई है और उन्हें बेरोजगार कर दिया गया है।