सड़कों पर फिर आवारा मवेशियों के झुंड : हार्न भी बजाओ, तब भी टस से मस नहीं होते, दिन हो या रात राहगीरों के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत

दैनिक अवन्तिका उज्जैन

शहर की सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं को पकड़ने में नगर निगम का अमला नाकाम साबित हो रहा है। यही कारण है कि शहर की सड़कों पर फिर से आवारा मवेशियों के झुंड नजर आने लगे हैं। निगम का अमला इनको पकड़ने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने में लगा हुआ है। अधिकारियों का दावा है कि आवारा मवेशियों को पकड़ने के लिए रात में भी अभियान चलाया जाता है, लेकिन हकीकत में ये कार्रवाई कहीं भी नजर नहीं आती है।
सच्चाई यह है कि शहर की सभी सड़कों पर आवारा गायें, बैल, सांड, कुत्ते, 24 घंटे घूमते नजर आते हैं। इनमें सबसे अधिक गाय-बैल व कुत्ते सड़कों पर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इनके झुंड के झुंड सड़कों पर अचानक आ जाने से कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं। रात के समय गाय-बैल शहर के चौराहों-तिराहों पर आकर बैठ जाते हैं। निगम अमले के पास आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं। इसके साथ ही पर्याप्त गैंग है। उसके बाद भी मवेशियों को पकड़ने का अभियान बंद पड़ा हुआ है।

सब्जियों की दुकानों पर भी इनका खोफ
शहर में सब्जियों की दुकानों पर इन मवेशियों का इतना खौफ है कि लोग बेहद चौकन्ने होकर ही सब्जी मंडी का रुख करते हैं। थोड़ी सी नजर हटते ही ये या तो सामान का थैला छीन लेते हैं या फिर पीछे से सींग मारते हैं। अधिकांश इन मवेशियों की संख्या सब्जी मंडी में भी देखी जा सकती है।

इन क्षेत्रों में है सबसे ज्यादा तादाद
इधर फ्रीगंज, घास मंडी,नानाखेड़ा, हरी फाटक इंदौर गेट, दौलतगंज, नई सड़क छतरी चौक के आस-पास के चौक-चौराहों में इन दिनों सड़कों पर पशुओं की धमाचौकड़ी से आमजन परेशान हो रहे हैं। इतना ही नहीं अनेक लोग इन पशुओं से टकराकर दुर्घटना का शिकार भी हो रहे है।

सबसे ज्यादा सड़कों पर जमा रखा है कब्जा
मवेशियों का सबसे ज्यादा जमावड़ा सड़कों पर होता है। यहां पर लगभग पूरी सड़क पर मवेशी दिन भर खड़े रहते हैं तो कई मवेशी बीच सड़क पर ही बैठे रहते हैं। वाहन चालक हार्न भी बजाता है तब भी वे टस से मस नहीं होते। वाहन चालकों को नीचे उतरकर उन्हें सड़क किनारे करना पड़ता है, तभी वह आगे बढ़ते हैं। दिन हो या फिर रात यह मवेशी राहगीरों के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत बने हुए हैं लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान न दिए जाने से वाहन चालक व राहगीरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।